63 हजार करोड़ में राफेल की डील हुई सील, पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने फ्रांस से किया समझौता
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अमृत विचार। भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को नई दिल्ली में 63,000 करोड़ रुपये की लागत से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक संस्करण विमानों की डील साइन हो गई। इसके लिए डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में समझौते पर मुहर लगायी गयी। सभी विमान परमाणु बम दागने की क्षमता से लैस होंगे। वहीं, हथियारों की खरीद के मामले में फ्रांस के साथ भारत की अब तक की सबसे बड़ी डील है।
आपको बता दें कि डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। भारत विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनाती के लिए फ्रांसीसी रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन से ये जेट विमान खरीद रहा है।
इन लड़ाकू विमानों की खरीद 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) द्वारा खरीद को मंजूरी दिए जाने के तीन सप्ताह बाद इस बड़े सौदे पर मुहर लगी। यह मीटिंग पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई थी। वहीं इस डील के हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच वर्ष बाद जेट विमानों की आपूर्ति शुरू होनी होगी।
वहीं इस डील के हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) द्वारा खरीद को मंजूरी दिए जाने के तीन सप्ताह बाद इस बड़े सौदे पर मुहर लगी। अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच वर्ष बाद यानि 2028-29 तक इन जेट विमानों की आपूर्ति शुरू होनी होगी।
जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने कई दौर के विचार-विमर्श और मूल्यांकन परीक्षणों के बाद इस बड़े अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक मंजूरी दे दी थी। इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को राफेल (मरीन) लड़ाकू विमानों के निर्माता दसॉ एविएशन से हथियार प्रणाली और कलपुर्जे सहित संबंधित सहायक उपकरण भी मिलेंगे।
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