कर्नाटक: मंत्री शिवानंद पाटिल ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा, लेकिन रखी यह शर्त, जानें पूरा मामला

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Published By Deepak Mishra
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बेंगलुरु। कर्नाटक में एक नाटकीय घटनाक्रम में राज्य के मंत्री शिवानंद पाटिल ने शुक्रवार को अपनी शर्तों के साथ विधानसभा से इस्तीफा सौंप दिया। विजयपुरा में बसवाना बागेवाड़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले पाटिल ने अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा तभी स्वीकार किया जाए, जब बीजापुर शहर के वर्तमान प्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल भी इस्तीफा दे दें।

 यह इस्तीफा दो प्रमुख लिंगायत नेताओं के बीच बढ़ते राजनीतिक विवाद का हिस्सा माना जा रहा है। पाटिल ने स्पष्ट किया कि यतनाल के इस्तीफे की स्थिति में वह विजयपुरा शहर की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं और उनका यह कदम उनके बीच पहले से ही कटु प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ाने वाला है। इस विवाद ने हाल ही में तब और तूल पकड़ लिया, जब श्री यतनाल ने श्री पाटिल पर मुस्लिम वोटों पर निर्भर होने का आरोप लगाया, यहां तक ​​कि विवादास्पद रूप से उन्हें ‘पाकिस्तान का एजेंट’ करार दिया।

पाटिल ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए अपना इस्तीफा पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनका निर्णय व्यक्तिगत है और इसका कांग्रेस पार्टी या मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से कोई लेना-देना नहीं है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने पुष्टि की कि पाटिल का इस्तीफा पत्र प्राप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक मानदंडों के अनुसार मामले की समीक्षा की जाएगी तथा यदि यतनाल भी इस्तीफा देते हैं, तो विजयपुरा में होने वाले उपचुनाव के लिए मंच तैयार हो सकता है।

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