World Press Freedom Day 2025: भारत की पत्रकारिता में बढ़ी AI की भूमिका, वर्तमान में क्या है इसकी दशा और दिशा?

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Published By Anjali Singh
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अमृत विचार। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे हर साल 03 मई को मनाया जाता है। पत्रकारिता के इस पर्व के दिन प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करना और उन्हें इसका अधिकार देना है। यह दिन पत्रकारों पर हो रहे हमलों और दबाव से ऊपर उठकर दुनियाभर में पत्रकारों को सुरक्षित और स्वतंत्र पत्रकारिता की मांग करने का दिन है। अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र की नींव ही पत्रकारों की पहचान होती है।  

मीडिया और लोकतंत्र पर AI के प्रभाव

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पत्रकारिता पर Technologyका प्रभाव हमेशा से नहीं रहा है। पहले टाइपराइटर से लेकर प्रिंटिंग प्रेस और अब सोशल मीडिया तक कई बड़े बदलाव आये है। जिनका रिपोर्टर हमेशा अपनी स्टोरी को बनाने और साँझा करने में प्रयोग करते रहे हैं।  

लेकिन अब AI के बढ़ते इस्तेमाल ने इस पेशे को कई प्रकार से प्रभावित किया हैं। इस बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकरिता में AI को आये अभी कुछ ही दिन हुए हैं। लेकिन ये इसमें इस प्रकार से समाहित हो गया हैं कि इसके बिना किसी का भी काम नहीं चलता हैं। 

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इन सभी का इस्तेमाल AI द्वारा ही होता हैं और पत्रकारिता में अब इसका उपयोग हो रहा हैं। हालांकि, चातगप्त अरु गामिनी जैसे AI मॉडल  अलग हैं। ये सभी जल्दी और बड़े पैमाने पर Content and copyकॉपी बना देता हैं। 

पत्रकारिता में जनरेटिव AI का बढ़ता उपयोग 

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एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में 26% पत्रकारों ने AI को उद्योग में आने वाली चुनौतियों में से एक माना था।  आधे पत्रकारों ने ये माना कि वे अपने काम के दौरान विभिन्न तरीकों से AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।  इसमें 23% शोध के लिए कर रहे हैं जबकि 19% Outline or content को बनाने के लिए कर रहे हैं।  

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