बरेली के बाकरगंज को मिलेगी गंदगी से मुक्ति, जुलाई से बंद होगा कूड़ा डंपिंग

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Published By Preeti Kohli
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बरेली, अमृत विचार: बाकरगंज में कूड़े के पहाड़ को समाप्त करने के लिए करीब 50 साल से प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन कई करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद पहाड़ बढ़ता ही गया। अब सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू होने के साथ ही कूड़े का पहाड़ भी समाप्त होने की उम्मीद जगी है। नगर निगम के अफसरों का दावा है कि जुलाई से बाकरगंज में शहर का कूड़ा नहीं गिराया जाएगा। यहां पर नया प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई जाएगी।

बाकरगंज में करीब 40 हजार की आबादी कई साल से कूड़े पहाड़ की समस्या से जूझ रही है और गंदगी से परेशान है। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के विकास पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। कई बार शिकायत नगर निगम के अफसरों से की गई लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका है। इस वजह प्लांट से जितना कूड़ा खत्म होता है, उससे दोगुना बढ़ जाता है। अब लोगों को आस जगी है कि नया प्लांट चालू होने से यहां कूड़ा आना बंद हो जाएगा तो समस्या का निदान हो सकता है।

2.40 करोड़ रुपये से लगा प्लांट, हर माह 39 लाख रुपये का खर्च
कूड़े का पहाड़ समाप्त करने के लिए नगर निगम ने अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं। प्रति माह कूड़ा समाप्त करने के लिए करीब 39 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शहर से हर रोज करीब 450 मीट्रिक टन निकले वाले कूड़े को बाकरगंज ट्रंचिंग ग्राउंड में डंप कर समाप्त करने के लिए 2021 में नगर निगम ने लीगेसी वेस्ट प्लांट लगाया।

इसके संचालन का कांट्रेक्ट ग्रीनस एनर्जी एंड सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड संस्था को दिया गया। एजेंसी को मार्च 2025 में कूड़े का पहाड़ समाप्त करना था लेकिन ऐसा न होने पर मई तक का समय दिया गया। दावा है कि प्लांट की क्षमता 600 मीट्रिक टन प्रतिदिन की है। प्लांट लगने में करीब 2.40 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें करीब 70 लाख रुपये टिनशेड और बिल्डिंग बनाने में खर्च हुए हैं, जबकि मशीन लगाने में करीब 1.70 करोड़ रुपये खर्च हुए।

इसके अलावा 15 वें वित्त आयोग की धनराशि से प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए दो करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हो चुकी है। प्लांट को चलाने के लिए हर माह करीब 39 लाख रुपये खर्च के हिसाब से प्रति वर्ष करीब पांच करोड़ रुपये नगर निगम खर्च कर रहा है। निगम के जानकारों की मानें तो अब तक करीब 3 लाख मीट्रिक टन कूड़ा ग्राउंड पर पड़ा है।

प्रदेश का सबसे बड़ा प्लांट होगा सथरापुर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण करीब 24.18 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। निगम के अधिकारियों का दावा है कि यह प्रदेश का सबसे अधिक क्षमता वाला प्लांट है, जिसकी क्षमता 500 टीडीपी है। पहले 2013 में रजऊ परसपुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया गया था, लेकिन विवादों में फंसने के कारण प्लांट चल नहीं सका।

दो साल पहले फरीदपुर के बहगुलपुर में प्लांट लगाने की तैयारी हुई, लेकिन वहां भी जमीन को लेकर विवाद हो गया था, जिस कारण नगर निगम ने फरीदपुर रोड स्थित सथरापुर गांव में 10 एकड़ जमीन खरीदी, जहां पर निर्माण कार्य पूरा हुआ है।

नया प्लांट शुरू होने से बाकरगंज की समस्या समाप्त हो जाएगी। नए प्लांट की क्षमता अधिक है और शुरू होने पर बाकरगंज में आने वाला कूड़ा बंद हो जाएगा। कूड़ा समाप्त होने के बाद इस जमीन पर दूसरा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा- राजीव राठी, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम

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