इस बीमारी से जूझ रही महिलाओं को नहीं लगानी चाहिए झाड़ू और सब्जी में छौंक, कॉस्मेटिक और डियोडरेंट से बनानी चाहिए दूरी

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। यही वजह है कि कल यानी 6 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाएगा। इससे पहले सोमवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इस साल अस्थमा दिवस की थीम “Inhaler थेरपी को सभी के लिए सुलभ बनाना” है। थीम के अनुसार अस्थमा के प्रबंधन में इन्हेलर का उपयोग बड़ा लाभदायक होता है। अस्थमा के दौरे मरीज और उसके तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। इसके कारण मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इन्हेल्ड कोर्टिकोस्टेरॉयडयुक्त दवाएं अस्थमा का कारण बनने वाली सूजन का इलाज कर दौरे को रोकती हैं।

उन्होंने बताया कि अस्थमा सांस संबंधी बीमारी है जिसमें सांस की नली में सूजन और संकुचन हो जाता है, जिससे कि सांस लेने में कठिनाई होती है। देश में करीब 3.5 करोड़ लोग और प्रदेश में लगभग 60 लाख लोग प्रभावित हैं।

इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और अप्लाइड इम्यूनोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के अनुसार अस्थमा से बचाव के लिए ट्रिगर वाली चीजों जैसे पराग के कणों, चूल्हे पर खाना बनाते समय और छौंक के समय निकलने वाला धुआं सहित अन्य किसी भी प्रकार के धुएं, ठंडी हवा, जानवरों की रूसी, धूल आदि से बचें। इसलिए विशेषकर अस्थमा पीड़ित महिलाएं न झाड़ू लगाएं और न ही सब्जी में छौंक लगाएं। इसके अलावा अस्थमा पीड़ित महिलाओं को कॉस्मेटिक, डियोडरेंट व तेज महक वाली चीजों से दूरी बनानी चाहिए। अस्थमा रोगियों को फर वाली चीजों जैसे टेडी आदि से दूरी बनानी चाहिए, घर में जानवर, पक्षियों को न पालें, इसके साथ ही घर में साफ-सफाई होनी चाहिए। जिससे घर में सीलन, धूल, जाले वगैरह न हों। इस दौरान उन्होंने बताया कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन, हल्का व्यायाम, पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूरी बनाएं। अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करें और जो भी Inhaler और दवाएं बताई गई हैं उनका नियमित पालन करें।

अस्थमा का कारण

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि पर्यावरणीय, आनुवंशिक, एलर्जी और श्वसन संबंधी संक्रमण और इसके साथ ही कभी-कभी बहुत देर तक व्यायाम करने, कुछ दवाएं, बहुत ज्यादा ठंड या ठंडी चीजों का सेवन अस्थमा के ट्रिगर का काम करती हैं।

लक्षण

उन्होंने बताया कि अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति में सांस लेने में कठिनाई, बलगम वाली या सूखी खांसी, सांस लेते समय सीटी की आवाज, छाती में भारीपन या जकड़न, थकान, व्यायाम करते समय सांस फूलना आदि शामिल हैं।

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