लखनऊ धोखाधड़ी : कृषि भूमि दिलाने का झांसा देकर व्यवसायी से ऐंठे 32 लाख
सौदा कर खाते में लिए रुपये, बैनामे से किया इंकार, पुलिस आयुक्त के निर्देश पर जानकीपुरम थाने में एफआईआर दर्ज
Fraud with a businessman: माल इलाके में कृषि भूमि दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने व्यवसायी से 32 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपी पिता-पुत्रों ने अपनी जमीन बताकर सौदा किया। खाते में रुपये लेने के बाद आरोपियों ने बैनामा से इनकार कर दिया। रुपये वापस मांगने पर धमकाया। पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर के निर्देश पर जानकीपुरम पुलिस ने बिचौलिए और पिता-पुत्रों समेत छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
जानकीपुरम सेक्टर-एफ निवासी व्यवसायी अनुभव अग्रवाल वर्ष 2024 में कृषि भूमि खरीदने के इच्छुक थे। दिसंबर 2024 में उनकी मुलाकात अंकुल कुमार, सुखपाल सिंह और संजय सिंह से हुई। बातचीत में आरोपियों ने माल थाना क्षेत्र के रानीपारा गांव में कृषि भूमि दिलाने का झांसा दिया। जाल में फंसाने के लिए 21 दिसंबर को आरोपियों ने जमीन दिखाने के लिए माल बुलाया। जमीन पसंद आने पर पीड़ित ने खरीदने के लिए हामी भर दी। आरोपियों ने 22 दिसंबर को जमीन मालिक से मुलाकात कराने की बात कही। अगले दिन आरोपी जमीन मालिक ईदा, उनके बेटे इसरार और शमशाद को लेकर उनके घर पहुंचे।
बातचीत में सौदा 30 लाख में तय हुआ। पीड़ित ने 2 लाख खर्च कर पहले बाउंड्री बनवाई। उसके बाद अनुभव ने 26 दिसंबर से 7 जनवरी के बीच तीन बार में खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए। 8 जनवरी को पीड़ित बैनामे के लिए मलिहाबाद उपनिबंधक कार्यालय पहुंचा, लेकिन कोई नहीं आया। पीड़ित ने कॉल मिलाई, लेकिन बात नहीं हुई। किसी तरह संपर्क किया तो आरोपियों ने बैनामे के नाम पर टालमटोल की। पीड़ित अनुभव ने रुपये वापस मांगे तो आरोपियों ने गाली गलौज कर धमकाया।
32 लाख की ठगी का एहसास होने पर पीड़ित अनुभव ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की। शुरुआती जांच में आरोप सही मिलने पर जानकीपुरम पुलिस ने अंकुल कुमार, सुखपाल सिंह, संजय सिंह, ईदा, बेटे इसरार और शमशाद के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, गाली-गलौज और धमकी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
सिंचाई इंजीनियर व रेलवे ठेकेदार से 60.11 लाख ठगे, रिपोर्ट दर्ज
साइबर ठग लगातार लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं। केवाईसी अपडेट और शेयर ट्रेडिंग पर मुनाफे का झांसा देकर सिंचाई विभाग के इंजीनियर व रेलवे ठेकेदार के खातों से 60.11 लाख रुपये उड़ा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ितों ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
विनीत खंड -6 निवासी सिंचाई विभाग के इंजीनियर राकेश कुमार का वेतन खाता आईडीबीआई बैंक बुलंदशहर में है। उन्होंने बताया कि 5 मई को व्हाट्सएप पर केवाईसी अपडेट का मैसेज आया। मैसेज में दिए गए लिंक पर राकेश ने क्लिक किया। पीड़ित ने अपना आधार और पेन कार्ड नंबर अपडेट किया। जिसके बाद हैकर ने बैंक में रजिस्टर्ड उनका नंबर बदल दिया। फिर 6 मई की सुबह जालसाज ने नेट बैंकिंग का एक्सेस लेकर खाते से तीन बार में 13.50 लाख रुपये पार कर दिए। पीड़ित ने बताया कि बेटे की पढ़ाई के लिए जीपीएफ से रुपये निकालकर खाते में रखे थे। बैंक में शिकायत करने के बाद पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वहीं, आलमबाग के समर विहार कॉलोनी निवासी रेलवे ठेकेदार नागेंद्र कुमार बाजपेयी ने बताया कि कुछ समय पहले उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा गया। ग्रुप पर शेयर ट्रेडिंग पर मुनाफे का झांसा दिया गया। यही नहीं एडमिन ने कैनियन कैपिटल फाइनेंस एसएआरएल का प्रमाण पत्र भेजते हुए सेबी से रजिस्टर्ड बताया। इसके बाद लिंक भेजकर क्यूआईबी ट्रेडिंग कराने के लिए जोड़ा। जाल में फंसे पीड़ित ने ट्रेडिंग शुरू की। उनकी रकम को जालसाज यूएस डॉलर में बदलकर ट्रेडिंग कराते थे। 3 मार्च को एडमिन ने ग्रुप पर लिखा कि वे अपनी बुल लॉन्च कर रहे हैं। जिसके चलते पांच दिन काम नहीं होगा।
लिहाजा इनकम टैक्स जमा कर रुपये निकाल ले। पीड़ित ने टैक्स ट्रांसफर किया लेकिन खाते में रुपये नहीं आए। ग्रुप बंद होने पर पीड़ित ने पड़ताल की तो पता चला कि उनके साथ 46,60,900 रुपये की ठगी हुई है। पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृजेश कुमार यादव के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।
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