सपा को लगा बड़ा झटका, आजमगढ़ के बाहुबली विधायक को कोर्ट ने सुनाई सजा, जानिए पूरा मामला
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 19 साल पुराने पवई चौक चक्का जाम मामले में फूलपुर पवई से समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व सांसद रमाकांत यादव सहित चार आरोपियों को तीन-तीन महीने की जेल और 1300 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला मंगलवार को जज अनुपम त्रिपाठी ने दिया।
पूरा मामला 22 फरवरी 2006 का है, जब रमाकांत यादव ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर विभिन्न मांगों को लेकर पवई चौक पर चक्का जाम किया था। इसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी मूलचंद चौरसिया ने रमाकांत यादव, राधेश्याम, रामकृपाल, रामकिशन राजभर, रामफल, दयाराम भास्कर और त्रिवेणी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आपको बता दें कि मुकदमे के दौरान आरोपी राधेश्याम की मृत्यु हो गई.
दो ने स्वीकारे आरोप
साल 2022 में दो आरोपियों, रामफल और त्रिवेणी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें 1500 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई थी। शेष चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा जारी रहा। अभियोजन पक्ष ने सहायक अभियोजन अधिकारी विपिन चंद्र भास्कर के नेतृत्व में तीन गवाह पेश किए। मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने रामकृपाल, दयाराम भास्कर, रमाकांत यादव और रामकिशन राजभर को सजा सुनाई।
आजमगढ़ लोकसभा सीट से रमाकांत यादव सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में फूलपुर पवई से विधायक हैं। हाल ही में आजमगढ़ में हुए जहरीली शराब कांड में भी इनका नाम सामने आया था। इस कांड में कई लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में भी आरोपी हैं और इस समय फतेहगढ़ जेल में बंद हैं।
ये हैं रमाकांत यादव
फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के अंबारी निवासी रमाकांत यादव की राजनीतिक यात्रा उतार-चढ़ाव और विवादों से परिपूर्ण रही है। 1985 में राजनीति में प्रवेश करने वाले रमाकांत यादव ने फूलपुर-पवई सीट से पहली बार विधायक का चुनाव जीता और लगातार तीन बार विधायक रहे। 1996 में वे आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद बने और चार बार लोकसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज की। 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट न मिलने पर उन्होंने कांग्रेस जॉइन की, लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होकर उन्होंने 2022 में फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
रमाकांत यादव का नाम विवादों से ही जुड़ा रहा है। 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान मतगणना से पहले बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी से मारपीट के मामले में भी उन्हें जेल जाना पड़ा था।
