प्रयागराज: रिश्वतखोरी के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित, शिक्षकों ने लगाया था आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। रिश्वत मांगने के आरोप में उरुवा विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) राजेश यादव को आज निलंबित कर दिया गया है। परिषदीय शिक्षकों के एफिडेविट पर मिली शिकायत का संज्ञान लेते हुए यूपी शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) कामता राम पाल ने यह कार्रवाई की है। 

उरुवा के प्राथमिक विद्यालय मिश्रपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार पाल ने 27 मार्च 2025, उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंवर पट्टी के प्रभारी प्रधानाध्यापक चन्द्र प्रकाश ने 20 मार्च, उच्च प्राथमिक विद्यालय जेरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक रवि शंकर ने 27 मार्च को दिए शपथ पत्र में बीईओ उरुवा राजेश यादव के भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें की थी।

प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार पाल, चन्द्र प्रकाश और रवि शंकर ने शिकायत की थी कि स्कूल में मरम्मत व साफ-सफाई के लिए मिली 25 से 50 हजार की कम्पोजिट ग्रान्ट में से राजेश यादव पांच-पांच हजार रुपये ले चुके हैं। वेतन और इंक्रीमेंट रुकवाने के साथ निलंबित करवाने की धमकी देकर और धनराशि की मांग की जा रही है। 

प्राथमिक विद्यालय पकरी के प्रधानाध्यापक राधा कृष्ण सिंह ने शपथपत्र पर शिकायत की कि स्कूल में दो कक्षीय भवन निर्माण के लिए मिले 18 लाख में से 20 हजार नकद घूस लेने के बावजूद वार्षिक वेतन वृद्धि को अवरूद्ध करा दिए हैं। ग्रांट का 10 प्रतिशत नहीं देने पर निलंबित करवाने की धमकी देते हैं। 

इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय समहन प्रथम के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधाकर द्विवेदी ने पांच मई को और कम्पोजिट विद्यालय नीबी के प्रभारी प्रधानाध्यापक रविशंकर द्विवेदी ने 29 अप्रैल को शपथ पत्र देकर बीईओ राजेश यादव के खिलाफ शिकायतें की है।

इन शिकायतों के संबंध में शिक्षा निदेशालय से बीईओ राजेश यादव से तीन अप्रैल को स्पष्टीकरण मांगा गया। जिस पर आरोपी बीईओ ने 12 अप्रैल को प्रार्थना पत्र देकर शिकायतों के सापेक्ष साक्ष्य उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। जिसके बाद 28 अप्रैल को शिकायतकर्ताओं से साक्ष्य मांगा गया।

प्रभारी प्रधानाध्यापक रवि शंकर ने पांच मई को साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि रसोइया मालती एवं शकुन्तला के समक्ष बीईओ राजेश यादव ने डरा धमकाकर पांच हजार लिया था। 19 अप्रैल को पुनः बकाया धनराशि लेने के लिए अनैतिक और अमर्यादित रूप से व्यवहार किया गया। 

प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार पाल ने पांच मई को साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि 17 जनवरी 2025 को सहायक अध्यापक आशीष कुमार संतोषी के सामने पांच हजार रुपये बीईओ को दिए। फिर बीईओ ने मार्च 2025 में उनसे पांच वर्ष का आय-व्यय का ब्यौरा मांगा गया और प्रत्येक वर्ष के लिए दस हजार रूपये की दर से कुल 50 हजार की मांग की गई। 

प्रभारी प्रधानाध्यापक चन्द्र प्रकाश ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि 12 नवंबर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष मुनीम कुमार, की उपस्थिति में राजेश यादव निरीक्षण करने विद्यालय पहुंच गए एवं अभिलेखों की जांच कर पांच वर्ष का हिसाब-किताब मांगने लगे। सभी अभिलेख दिखाने पर भी आरोपी बीईओ ने पांच हजार रूपये की मांग की जा रही थी, जो उन्हें दिया गया। 

शिकायतकर्ताओं की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्य को संलग्न कर निदेशालय ने आठ मई को पंजीकृत डाक के माध्यम से बीईओ राजेश यादव को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। हालांकि आरोपी अफसर राजेश  यादव ने अब तक अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया है। 

जिस पर बीईओ राजेश यादव को निलम्बित करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही की संस्तुति की गई और प्रकरण की जांच के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज अनिल भूषण चतुर्वेदी को पदेन जांच अधिकारी नामित किया गया है। निलंबन अवधि में बीईओ राजेश यादव मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय में सम्बद्ध रहेंगे।

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