पीलीभीत: लंबी रस्साकशी के बाद पूरनपुर कोतवाल हटाए गए...भाजपा नेता भी कर चुके थे मांग 

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। करीब सात माह बाद आखिरकार पूरनपुर कोतवाली से इंस्पेक्टर नरेश त्यागी को हटा ही दिया गया। उन्हें एसपी अभिषेक यादव ने लाइन हाजिर कर दिया है।  उनके स्थान पर नए पूरनपुर कोतवाल के तौर पर इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार को तैनाती दी गई है। सतेंद्र कुमार अभी तक प्रभारी यातायात पद पर थे।  पूरनपुर कोतवाल के लाइन हाजिर होने के बाद तमाम तरह की चर्चाएं तेज हैं। 
 
बता दें कि सदर कोतवाली से हटाए जाने के बाद इंस्पेक्टर नरेश त्यागी को अक्टूबर 2024 में पूरनपुर कोतवाल बनाया गया था। उनकी तैनाती के कुछ समय बाद ही दिसंबर माह में पूरनपुर में पीलीभीत और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम की तीन खालिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे। इसे बड़े गुडवर्क के तौर पर शासन स्तर पर भी देखा गया और सराहना की गई थी।  इस मुठभेड़ के बाद चली जांच पड़ताल में सामने आया था कि तीनों आतंकी पूरनपुर के एक होटल में फर्जी आईडी लगाकर ठहरे थे। हालांकि उनकी जानकारी होटल में रहने के दौरान पुलिस को नहीं हो सकी थी। इस मुठभेड़ करने वाली टीम की कमान तत्कालीन एसपी अविनाश पांडेय ने संभाली और नरेश त्यागी की भी अहम भूमिका रही थी।

उनके सख्त रुख की चर्चाएं रही। मगर, इन सबके बीच विरोध भी कम नहीं रहा। एक हत्याकांड में भाजपा पदाधिकारियों से उनकी लापरवाही को लेकर तीखी बहस हो गई थी। उस वक्त भाजपा नेताओं ने भी उन्हें हटाने की मांग एसपी से की थी।  मगर, उन्हें तत्कालीन एसपी की गुड लिस्ट में माना जाता था, तो कुर्सी बरकरार रही।  इसके अलावा ये भी चर्चाएं रही कि उनका संपर्क चंद लोगों तक सीमित रहा और बकाया से दूरियां बनाकर रखी गई। चर्चा तो ये भी है कि विभाग में भी तालमेल नहीं था। अभी कुछ दिन पहले ही एक ढाबा संचालक से मारपीट और लूट का मामला सामने आया। जिसमें किसान नेताओं ने एक दिन पहले ही थाने के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।  अब उनके तबादले के पीछे तमाम तरह की चर्चाएं तेज हो रही है।  

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