पीलीभीत: ट्रैप कैमरे में लंगड़ाती दिखी बाघिन...पीटीआर अफसरों ने ली राहत की सांस
पीलीभीत, अमृत विचार। वन अफसरों के लिए लंबे अरसे से सिरदर्द बनी लंगड़ाती बाघिन आखिरकार मिल ही गई। एक दिन पूर्व मॉनिटरिंग को लगाए गए ट्रैप कैमरे में बाघिन की फोटो कैद हुई है। जिसके बाद बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वन अफसर बाघिन के पैर में सूजन कम होने और आराम से चलने का दावा भी कर रहे हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज में बीते 03 मई को एक लंगड़ाती बाघिन देखी गई थी। उस दौरान बाघिन को महोफ रेंज के चूका सेक्शन में पर्यटन मार्ग के समीप देखा गया था। सोशल मीडिया पर भी लंगड़ाती बाघिन की वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में बाघिन अगले पैर में सूजन के चलते लंगड़ा कर चल रही थी। क्षेत्रीय वनाधिकारी सहेंद्र यादव ने तत्काल बाघिन के संबंध में टाइगर रिजर्व प्रशासन को अवगत कराया। डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर दो टीमों का गठन करते हुए बाघिन की लगातार 24 घंटे निगरानी शुरू की गई। बाघिन से संबंधित क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाने के साथ हाथियों, थर्मल ड्रोन की मदद से निगरानी शुरू की गई थी, मगर बाघिन अगले दिन ही लापता हो गई थी। बीते 06 मई को बाघिन कुछ देर के लिए दिखी भी थी, मगर उसके बाद फिर निगरानी के बीच गुम हो गई।
बाघिन के संबंध में शासन स्तर पर अवगत कराया गया। जिस पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने बाघिन को रेस्क्यु करने की भी अनुमति दे दी थी। जिसके बाद बाघिन को पकड़ने के लिए चूका सेक्शन में पिंजड़ा भी लगाया गया, मगर बाघिन एक बार भी पिजड़ें के करीब तक नहीं पहुंची। संबंधित क्षेत्र के अलावा आसपास क्षेत्र में भी पड़ताल की गई, मगर बाघिन का कोई सुराग नहीं लग सका था।
इस बीच एपीसीसीएफ प्रोजेक्ट टाइगर ललित वर्मा भी टाइगर रिजर्व पहुंचे थे। उन्होंने वन अफसरों के बाघिन से संबंधित क्षेत्र का दौरा कर चल रहे सर्च ऑपरेशन के संबंध में जानकारी लेने के साथ बाघिन को जल्द तलाश करने के निर्देश दिए थे। इधर कुछ दिन पूर्व बाघिन के टाइगर रिजर्व से सटे उत्तराखंड की सुरई रेंज में जाने की आशंका पर टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सुरई रेंज के वन अफसरों संग जंगल सीमा पर संयुक्त पेट्रोलिंग भी की, मगर बाघिन का कहीं कोई अता-पता नहीं चल सका था।
इधर वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके के नेतृत्व में लगातार चल रहे सर्च ऑपरेशन के बावजूद लंगड़ाती बाघिन न मिलने पर तमाम तरह के कयास भी लगाए जाने लगे। वन अफसरों ने भी बाघिन के सुरई रेंज की ओर चले जाने की आशंका पर निगरानी का दायरा सीमित कर दिया। इस बीच टाइगर रिजर्व प्रशासन को सोमवार को बाघिन का पता चल गया।
मॉनिटरिंग को लगाए गए ट्रैप कैमरे में 18 मई को बाघिन की फोटो देखी गई है। वन अफसरों का दावा है कि बाघिन के पैर की सूजन भी कम हो गई है, और पहले की अपेक्षा अब आराम से भी चल भी रही है। टाइगर रिजर्व प्रशासन के मुताबिक बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इधर बाघिन के देखे जाने के बाद वन अफसरों ने भी राहत की सांस ली है।
