Gonda Crime News : पुलिस एनकाउंटर में ढ़ेर हुए हिस्ट्रीशीटर का टॉर्च की रोशनी में अंतिम संस्कार, एक लाख रुपये का इनामिया था सोनू पासी

History sheeter's funeral in presence of police: किसी शायर ने कहा था कि न खुदा मिला न विसाल- ए- सनम, न इधर के रहे न उधर के रहे हम। कुछ यही अंजाम एक लाख रुपये के इनामी बदमाश सोनू पासी उर्फ भुर्रे का हुआ। पुलिस मुठभेड़ में जान गंवाने के बाद उसे अंतिम संस्कार के समय भी उजाला नसीब नहीं हुआ। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की रात में ही टॉर्च की रोशनी में सरयू घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान उसकी मां और पत्नी घाट पर बिलखती रहीं।
करनैलगंज के ग्राम कादीपुर का रहने वाले सोनू पासी उर्फ भूरे ने वर्ष 2002 में पहला अपराध किया था और चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। तब उसके खिलाफ कटरा थाने मे पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि अपराध की दुनिया से अब वह कभी बाहर नही निकल सकेगा लेकिन सोनू ने अपराध को ही अपना पेशा बना लिया। इसी साल उसके खिलाफ डकैती, एनडीपीएस और फिर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद करनैलगंज थाने में जानलेवा हमला करने, डकैती करने मादक पदार्थ व अवैध हथियार रखने जैसे कई मुकदमें दर्ज हुए। बस्ती और बहराइच जिले में भी उसके खिलाफ डकैती करने का मामला दर्ज हुआ। इन 23 वर्षों में सोनू पासी आतंक का पर्याय बन गया। बीते 24/25 अप्रैल को उसने अपने सहयोगियों के साथ उमरीबेगमगंज थाना क्षेत्र के धन्नीपुरवा गांव में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था और इसी दौरान एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब से पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन ने सोनू पासी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
बुधवार को पुलिस ने सोनू को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। पोस्टमार्टम के बाद रात में ही उसका शव भारी सुरक्षा के बीच सरयू घाट ले जाया गया।घाट के चारों तरफ पुलिस का सख्त पहरा था। सुरक्षा के दृष्टिगत घाट पर चार थानों की पुलिस तैनाती की गयी थी। घाट पर ही उसके पिता, मां, पत्नी और अन्य परिजन मौजूद थे। शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मां और पत्नी बिलखने लगीं। पुलिस ने शव को खोलकर अंतिम दर्शन कराया। इसके बाद निर्धारित प्रक्रिया के तहत अंतिम संस्कार कराया गया। घाट पर अंधेरा होने के कारण टॉर्च जलाकर रोशनी की गयी। इस दौरान घाट पर अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय, सीओ करनैलगंज व तरबगंज, एसओजी टीम के सदस्य, कई थानों के थाना प्रभारी सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा। गांव के दर्जनों लोग भी अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। घाट पर हर किसी के जुबां पर बस एक ही बात थी कि काश! सोनू इस दलदल से बाहर निकल गया होता तो आज वह जीवित होता। अपराध की दुनिया ने उसका सबकुछ छीन लिया।
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