Waqf के नाम पर कब्जाई सरकारी जमीन, योगी सरकार ने ढहाए 450 अवैध निर्माण

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। नेपाल की सीमा से सटे जिलों में सीमाई इलाके के 10 से 15 किमी के दायरे में सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके मस्जिद व मदरसे बनाने का गोरखधंधा वक्फ बोर्ड के नाम पर हुआ था। इसका खुलासा राजस्व और अल्पसंख्यक विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी गई रिपोर्ट में हुआ। इसके बाद सरकार ने नेपाल सीमा से सटे जिलों में अभियान चलाकर 450 से अधिक अवैध कब्जों को हटाया है। लखीमपुर खीरी में सबसे अधिक सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का दावा किया गया है।

नए वक्फ कानून के पारित होने से पहले ही नेपाल के सीमावर्ती जिलों में वक्फ बोर्ड की आड़ में कई सरकारी संपत्तियों पर कब्जे की रिपोर्ट तैयार की गई थी। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रूख से सीमा से सटे जिले बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, पीलीभीत, श्रावस्ती व सिद्धार्थ नगर में अवैध कब्जों के विरुद्ध अभियान चलाकर 450 से अधिक कब्जों को हटाया जा चुका है। साथ ही अन्य कब्जों को चिह्नित किया जा रहा है।

राजस्व विभाग और अल्पसंख्यक विभाग ने नेपाल सीमा से सटे जिलों के जिलाधिकारियों से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी में 1792 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने का दावा किया गया है। बहराइच में 904, सिद्धार्थ नगर में 793, पीलीभीत में 738, महाराजगंज में 371, श्रावस्ती में 271 व बलरामपुर में 35 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ की संपत्ति का दावा किया गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित संपत्तियों की जांच कराई गई तो ज्यादातर संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के रूप में दर्ज ही नहीं है। नतीजतन सरकार के निर्देश पर संबंधित जिलों के जिला प्रशासन ने नए सिरे से सभी संपत्तियों की जांच कर सरकारी भूमि से कब्जे हटाने का अभियान शुरू किया है।

दो सप्ताह पहले शुरू किए गए अभियान के तहत अभी तक 450 से अधिक कब्जों को हटाया जा चुका है। इनमें से ज्यादातर संपत्तियों पर कब्जा करके मदरसे व धार्मिक स्थलों का निर्माण किया गया था। राजस्व विभाग ने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पुलिस व अन्य विभागों का सहयोग लेकर सभी सरकारी संपत्तियों को कब्जा मुक्त किया जाए। साथ ही हर सप्ताह उसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाए।

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