कासगंज: सीएचसी में फायर सेफ्टी सिस्टम बना शोपीस, आग लगी तो मौत के मुहाने पर होगी जिंदगी
गंजडुंडवारा, अमृत विचार। कस्बे के निजी अस्पतालों के साथ ही सामुदायक स्वास्थ्य केन्द्र भी आग से सुरक्षा को लेकर तैयार नहीं हैं। यहां घटना होने पर भयावह स्थिति हो सकती है, मौत के मुहाने पर कई जाने पहुंच सकती हैं। सीएचसी में एक वर्ष पूर्व फायर सेफ्टी सिस्टम इंस्टॉल तो हुआ लेकिन शुरू न हो सका।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पिछले वर्ष सरकारी अस्पताल में हुए अग्निकांड से सबक ले शासन के निर्देश पर लाखों रुपये खर्च कर फायर सेफ्टी सिस्टम इंस्टॉल कराया गया। जिसमे कार्यदायी संस्था द्वारा फायर सेफ्टी के लिए फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर, हीट डिटेक्टर, मैनुअल पुल स्टेशन, अग्निशामक,फायर स्प्रिंकलर सिस्टम आदि इंस्टॉल कर दिया गया। लेकिन लगभग एक वर्ष होने को है यह चालू न हो सका है। वर्तमान में यह शोपीस मात्र बन कर रह गया है। सीएचसी पर 50 बैड की सुविधा है। अगर आग लगने जैसी कोई घटना होती है, तो वार्ड से मरीजों को बाहर निकाल पाना मुश्किल हो जाएगा। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार फायर सिस्टम को सुचारु कराए जाने को लेकर गंभीर नहीं हैं।
आग से बचाव को टंगे छोटे सिलेंडर
सीएचसी पर आग सेफ्टी की स्थिति काफी खराब है। आग से बचाव का कोई विशेष इंतजाम नहीं है।आग से बचने के नाम पर केवल छोटे अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर दीवारों पर टांग दिया गया है। ऐसी स्थिति मे अगर आग की बड़ी हुई तो मरीजों को जिदंगियां दांव पर होंगी।
निजी अस्पताल पर भी नहीं पर्याप्त इंतजाम
सरकारी ही नहीं निजी अस्पतालों में भी आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कस्बे में लगभग 50 से अधिक निजी अस्पताल व क्लीनिक हैं। लेकिन यहां भी केवल छोटे अग्निशमन यंत्र सिलेंडर ही हैं। कई ऐसे अस्पताल हैं जो मार्केट में अगल बगल दुकानों के बीच बने हैं।कुछ तो बेसमेंट मे भी स्थित हैं। यहां आग की घटना होने पर निपटना मुश्किलों भरा होगा।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. आकाश ने बताया कि मेरी सीएचसी अधीक्षक के रूप में नियुक्ति से पूर्व ही फायर सेफ्टी सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया था। कार्यदायी संस्था द्वारा इसे चालू नहीं कराया जा सका है। इस सम्बंध मे वरिष्ठ अधिकारियों को पत्राचार कर अवगत भी कराया गया है।
