गोंडा: सोनू पासी एनकाउंटर की होगी मजिस्ट्रियल जांच, डीएम ने दिया आदेश, जानें पूरा मामला

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Published By Deepak Mishra
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अपर जिलाधिकारी जांच अधिकारी नामित, 15 दिन में सौंपेंगे जांच रिपोर्ट

गोंडा, अमृत विचार। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शातिर अपराधी सोनी पासी उर्फ भुर्रे के एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच होगी। शीर्ष कोर्ट व मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस मुठभेड़ की जांच का आदेश दिया है और अपर जिलाधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया है। एडीएम 15 दिन के भीतर जांच कर घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

करनैलगंज के ग्राम कादीपुर के रहने वाले सोनू पासी उर्फ भूरे को पुलिस ने बीते 20 मई को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। सोनू पर हत्या, लूट, डकैती समेत कुल 53 मुकदमें दर्ज थे। वह गोंडा, बहराइच, बाराबंकी व बस्ती समेत  आसपास के जिले में आतंक का पर्याय बना था। बीते 24 अप्रैल की रात सोनू और उसके गिरोह के सदस्यों ने उमरीबेगमगंज थाना क्षेत्र के धन्नीपुरवा गांव में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था तथा विरोध करने पर शिवदीन नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के बाद उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

सोनू की तलाश में जुटी पुलिस टीम की 20 मई को उमरी इलाके में ही मुठभेड़ हो गयी थी जिससे जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सोनू को मार गिराया था। इस घटना को लेकर सोनू के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया था और सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर घटना की जांच की मांग उठाई थी। परिजनों की मांग पर शीर्ष अदालत और आयोग ने घटना की जांच का आदेश प्रदेश के डीजीपी को दिया था।

शीर्ष कोर्ट के आदेश पर डीजीपी ने डीएम को पत्र भेजकर घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने की अपेक्षा की थी। शीर्ष कोर्ट के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 196 के अन्तर्गत इस मुठभेड़ के घटना की  मजिस्टीरियल जांच जांच का आदेश दिया है और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को मजिस्ट्रेट नामित किया है। अपर जिलाधिकारी 15 दिनों में इस घटना की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को देंगे।

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