बरेली : रोडवेज की बसों में डिजिटल पेमेंट के दावे धड़ाम, यात्री परेशान
बरेली रीजन की बसों में यूपीआई और कार्ड से किराया लेने से कतराते हैं परिचालक
बरेली, अमृत विचार। एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया व कैशलेस भुगतान को बढ़ावा दे रही है। वहीं, रोडवेज बसों में ऑनलाइन पेमेंट (यूपीआई, कार्ड आदि) की व्यवस्था धड़ाम है। यात्रियों को कैश में भुगतान करना पड़ रहा है। आलम यह है कि अधिकांश बसों में परिचालक ऑनलाइन भुगतान की बात सुनते नेटवर्क न आने की बात कहकर हाथ खड़े कर लेते हैं। यात्रियों से नकद पैसे लेकर ही टिकट दिए जा रहे हैं। इस कारण तमाम यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों और परिचालकों के बीच अक्सर नगद भुगतान को लेकर बहस भी होती है, लेकिन, हालात जस के तस बने हैं।
बरेली से रोज करीब 30 हजार यात्री रोडवेज बसों से सफर करते हैं। बरेली परिक्षेत्र में बरेली, रुहेलखंड, बदायूं व पीलीभीत डिपो शामिल हैं। इनकी करीब 719 बसें संचालित हो रही हैं। वर्तमान समय में हाईटेक दौर में जब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। युवा ही नहीं तमाम बुजुर्ग भी पेमेंट के लिए यूपीआई और मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं। परिवहन निगम में भी किराया ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है, लेकिन बसों के चालक लापरवाही बरत रहे हैं। यात्रियों की मानें तो कई बार उनके पास नकद पैसा नहीं होता तो वह फोन पे, गूगल पे या अन्य माध्यमों से भुगतान करना चाहते हैं, लेकिन परिचालक डिजिटल पेमेंट लेने से स्पष्ट रूप से इंकार कर देते हैं। शहर से लखनऊ और दिल्ली से आने वाले यात्रियों में खासकर छात्रों, महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा असुविधा हो रही है। पुराने बस स्टैंड से दिल्ली, जयपुर और मथुरा जाने वाले यात्रियों की मानें तो ऑनलाइन पेमेंट करने की बात करते हैं, तो परिचालक बस से उतरने तक को कह देते हैं, जबकि परिवहन निगम ने ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू कर रखी है।
यात्री बोले- फुटकर की बड़ी समस्या है
दिल्ली के आनंद विहार से पुराना बस स्टैंड पर उतरे व्यवसायी मयंक चौधरी ने बताया कि रोडवेज की बसों में ऑनलाइन पेंमेंट की सुविधा के नाम पर यात्रियों से भद्दा मजाक किया जा रहा है। परिचालक ऑनलाइन पेमेंट लेते नहीं। मजबूरी में पांच सौ रुपये का नोट देना पड़ता है। इसमें परिचालक टिकट के पीछे शेष राशि लिखकर बाद में लेने की बात कहते हुए पकड़ा देते हैं। ऐसे में अगर भूल गए, तो वह राशि डूब जाती है।
हापुर से शहर आए दामोदर सिंह ने बताया कि उसके पास पांच रुपये फुटकर न होने पर उसने परिचालक से ऑनलाइन पेमेंट करने को कहा, लेकिन परिचालक ने मना कर दिया। मजबूरी में पांच रुपये के लिए पचास रुपये का नोट देना पड़ा। सरकार का जोर ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने में है, लेकिन रोडवेज के अफसर ही सरकारी के आदेश का पालन कराने में फेल साबित नजर आ रहे हैं।
बरेली रीजज में 719 बसें हैं। इनमें निगम और अनुबंधित दोनों हैं। सभी बसों में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा है। कई बार नेटवर्क के कारण परेशानी होती है। नेटवर्क होने के बाद भी यादि ऑनलाइन पेमेंट नहीं लिया जा रहा तो शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराई जाएगी। मामला सही मिला तो संबंधित परिचालक पर कार्रवाई भी होगी। -दीपक चौधरी, आरएम रोडवेज
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