सीसीटीवी फुटेज ने पकड़वाया अनाज चोर, पुलिस के हवाले चोर, दर्ज की गई रिपोर्ट
Grain thief arrested : थाना क्षेत्र के एक गांव में लगातार हो रही अनाज की चोरी का खुलासा उस समय हुआ जब स्थानीय ने एक संदिग्ध चोर को रंगे हाथ पकड़ लिया। पकड़े गए चोर को पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार ग्राम बारिनबाग मजरे उदईमऊ निवासी अरुण कुमार सिंह की दुकान के पीछे बने टिन शेड के नीचे रखी गई सरसों और गेहूं की बोरियां पिछले कुछ दिनों से रहस्यमयी तरीके से गायब हो रही थीं। शक होने पर जब घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई, तो 5 व 8 जून को तड़के एक व्यक्ति साइकिल से बोरियां उठाकर ले जाता हुआ दिखाई दिया।
सतर्कता बरतते हुए अरुण सिंह और उनके सहयोगी राहुल कुमार सिंह निवासी बैशनपुरवा थाना दरियाबाद ने 10 जून की भोर एक बार फिर उस व्यक्ति को साइकिल से आते हुए देखा और मौके पर पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम दिलीप कुमार पुत्र माया प्रकाश निवासी मोहल्ला बरवारी कस्बा व थाना दरियाबाद तथा वर्तमान में ग्राम कूड़ा में राजू कोरी के घर पर रहना बताया। दिलीप ने स्वीकार किया कि वह पहले भी तीन बार सरसों व गेहूं की बोरियां चुरा चुका है, जिन्हें वह फेरी करने वालों को बेच देता था। उसके पास से 200 रुपये नकद, एक मोबाइल व साइकिल मिली। चोर व बरामद सामान पुलिस के हवाले कर दिया गया।
साजिशन मारपीट में गर्भपात, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जसनवारा की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने गांव के ही कुछ लोगों पर मारपीट कर जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, पीड़िता ने स्थानीय पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार जसनवारा गांव की जी़नत जहां पत्नी अब्दुल कलाम का आरोप है कि 28 मई की सुबह लगभग 8 बजे गांव की ही तमन्ना, गुलबशा और लाल हुसैन ने सफाई के मामूली विवाद को लेकर उसके साथ गाली-गलौज करते हुए बेरहमी से मारपीट की। आरोप है कि उसे जानबूझकर पेट पर मारा गया, जबकि वह उस समय तीन माह की गर्भवती थी। हमले के बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां सीएचसी देवा में हुए अल्ट्रासाउंड में गर्भपात की पुष्टि हुई।
पीड़िता का कहना है कि उसने घटना के तुरंत बाद थाना देवा में शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में 2 जून को उसने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को शिकायती पत्र दिया, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, 9 जून को दर्ज की गई एफआईआर में पुलिस ने मामूली अपराध दर्शाते हुए अभियोग पंजीकृत किया, लेकिन गर्भपात जैसे गंभीर अपराध की धारा नहीं जोड़ी गई।
आरोप लगाया कि वह बीते एक सप्ताह से थाना देवा के चक्कर काट रही, लेकिन उसे जांच के नाम पर लगातार टरकाया जा रहा है। सीएचसी देवा में हुए अल्ट्रासाउंड, दस्तावेज़ों में गर्भपात की पुष्टि होने के बावजूद पुलिस इस तथ्य को मानने से इंकार कर रही है। क्षेत्राधिकारी सुमित त्रिपाठी ने बताया कि प्रमाण उपलब्ध होने की दशा में धारा बढ़नी चाहिए। हालांकि यह प्रकरण उनके संज्ञान में नही है, शिकायत मिलने पर यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें:- दलित युवक को दबंगों ने सरेराह पीटा,रिपोर्ट दर्ज होने में गुजर गए चार माह
