पीलीभीत: 50 घंटे से नहीं मिल सकी हमलावर बाघिन को लोकेशन, खाक छानती रहीं टीमें
पीलीभीत, अमृत विचार: किसान की जान लेने वाले हमलावर बाघिन की 50 घंटे बीतने के बाद भी कोई लोकेशन नहीं मिल सकी। हालांकि मंगलवार शाम बाघिन को पकड़ने के लिए ट्रेप एनिमल बांधा गया था। दोनों प्रभागों की टीमों भी रात भर मौके पर जुटी रहीं, मगर बाघिन का कहीं कोई अता-पता नहीं चल सका। इधर अब बाघिन के जंगल में चले जाने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल एहतियात के तौर पर बुधवार को भी टीमें बाघिन की तलाश में जुटीं रहीं, मगर शाम तक टीमों को सफलता नहीं मिल सकी।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से सटे गांव मेवातपुर में बीते सोमवार तड़के बाघिन ने खेत में सिंचाई कर रहे किसान मुकेश कुमार पर हमला कर जान ले ली थी। घटना को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष देखा गया था। घटना के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा शासन स्तर पर भी अवगत कराया गया था। साथ ही जंगल सीमा पर जाल फेसिंग होने के कारण बाघिन की जंगल वापसी की आशंका को देखते हुए उसे रेस्क्यू करने की भी अनुमति मांगी गई थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने सोमवार को ही अनुमति दे दी थी। शासन से अनुमति मिलते ही टाइगर रिजर्व प्रशासन एक्शन मोड में आ गया था। सोमवार देर शाम ही रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरूआत करते हुए सभी संसाधन मौके पर पहुंचा दिए गए। सोमवार देर रात घटनास्थल से कुछ दूरी पर एनिमल ट्रेप बांधा गया। इस बीच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह और सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके भी पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। रात करीब एक बजे बाघिन ट्रेप एनिमल के करीब 50 मीटर तक पहुंची और कुछ देर बाद ट्रेप एनिमल के पीछे से होकर गुजर गई। मंगलवार सुबह 07 बजे तक रेस्क्यू टीम बाघिन का ट्रेप एनिमल के नजदीक आने का इंतजार करतीं रहीं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी।
बाघिन की तलाश में जुटीं रहीं टीमें
बीते मंगलवार को भी दिन-रात टीमें बाघिन की तलाश में जुटी रहीं। मंगलवार रात भी बाघिन को पकड़ने की कवायद शुरू की गई। ट्रेप एनिमल बांधकर सारी रात बाघिन का इंतजार किया जाता रहा मगर बाघिन का कहीं कोई पता नहीं चल सका। कमोवेश यही स्थिति बुधवार को रही। पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी प्रभाग की टीमें बाघिन की तलाश में जुटी रहीं, मगर 50 घंटे तक खाक छानने के बाद भी हमलावर बाघिन की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी है। इधर अब वन अफसर बाघिन के जंगल में चले जाने की संभावना जता रहे हैं।
बाघिन की लोकेशन जानने के लिए लगातार टीमें लगी हुई है, मगर अभी तक उसकी कोई लोकशन नहीं मिल सकी है। फिलहाल टीमों को लगातार निगरानी करने को निर्देशित किया गया है। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व।
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