कानपुर : अंधेरे में गंगा में बहा रहे सीवर, टेफ्को नाला की टेपिंग खोली
रात के अधेरे में कंपनी के कर्मचारी परमट घाट पर खोल दे रहे टेप टैप्को नाला
अंधेरा कर रोज कर रहे खेल, नगर आयुक्त ने संज्ञान में लिया, रात में ही अधिकारियों को दौड़ाया
अमृत विचार। रात होते ही जलनिगम की कंपनी केआरएमपीएल महापाप करने में जुटी है। टेप टेफ्को नाला की टेपिंग खोलकल रात के अंधेरे में मां गंगा के पतित पानी को दूषित किया जा रहा है। बुधवार रात को ऐसा ही करते कंपनी के कर्मचारी अमृत विचार के कैमरे में कैद हो गये। लाइट बुझाकर परमट घाट से गंगा में दूषित पानी को छोड़ा जा रहा था। डीजल और बिजली बचाने के लिये कंपनी रोजाना खेल कर रही है। जानकारी के अनुसार रोजना ऐसा करते हुये करीब 6 एमएलडी दूषित पानी गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है।
टेफ्को (परमट) नाला पूरी तरह से टेप है। यहां आने वाले 7 एमएलडी सीवेज को पंपिंग स्टेशन के जरिये एसटीपी भेजा जाता है। परमट घाट की तरफ टेप नाले को पूरी तरह से देखा जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आकस्मिक स्थिति से बचने और ओवर लोड पानी को रोकने के लिये यहां वॉल लगाया गया है। जिससे अगर भारी बारिश हो तो वॉल खोलकर दूसरे पाइप के सहारे पानी को छोड़ा जा सकता है। लेकिन, आपात स्थिति के लिये बनाए गए रास्ते को जलनिगम की कंपनी केआरएमपीएल ने पैसा बचाने का जरिया बना लिया है। पंपिंग स्टेशन में लगी मोटरों या बिजली न होने पर जेनरेटर न चलाना पड़े इसलिये कंपनी वॉल खोलकर सीवर को गंगा में प्रवाहित कर रही है।

जलनिगम ने कहा सर्वे करेंगे, यह पानी बस्ती का
जलनिगम, ग्रामीण के अधिशासी अभियंता व परियोजना प्रबंधक मोहित चक ने बताया कि यह समस्या अधिकारियों के संज्ञान में है। बस्ती का सीवर, परमट में लगने वाली दुकानें व अन्य जगह से आने वाले पानी को वॉल खोलकर छोड़ा गया है। जब पानी बढ़ जाता है तब यह समस्या होती है। हलांकि जब अमृत विचार ने पूछा कि क्या पानी छोड़ने का कोई नियम है तो उन्होंने कहा कि गंगा में छोड़ने का कोई नियम नहीं है। है तो यह पूरी तरह से गलत, इस समस्या को अधिकारियों को अवगत कराया है। हम इसका सर्वे कराएंगे। नाले के पानी को जाने से पूरी तरह से रोकेंगे।
14 नालों को टेप करने के लिए 138.11 करोड़ स्वीकृत
कानपुर में गंगा में गिर रहे 14 नालों को टेप करने के लिए 138.11 करोड़ रुपये की शासन से स्वीकृति मिली है। कानपुर में कुल 33 नाले है। 27 नाले कानपुर नगर में और 6 नाले बिठूर में स्थित है। कानपुर नगर के 27 नालों में से 18 नाले गंगा नदी एवं 9 नाले पाण्डु नदी से संबंधित है। गंगा नदी के 18 नालों में 11 नाले टैप्ड, 6 अनटैप्ड एवं 1 नाला बरसाती है। इसी प्रकार पाण्डु नदी के 9 नालों में से 4 नाले टैप्ड, 3 नाले अनटैप्ड एवं 2 नाले आंशिक टैप्ड है। सभी अनटैप्ड नालों के टैपिंग कार्य के लिये डीपीआर बनाई गई थी। जिसपर अनुमानित खर्च 152.02 करोड़ रुपये आने की संभावना थी। पिछले दिनों लों को बंद करने के लिए 138 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। अभी अनटैप्ड नालों के सीवेज का शोधन नगर निगम, कानपुर द्वारा बायोरिमेडियेशन के जरिये कराया जा रहा है।

यह अनटेप नाले गंगा को कर रहे दूषित
शहर में अभी रानीघाट नाला, गोलाघाट, सत्तीचौरा, डब्का, मदारपुर व किशनपुर 6 नाले अनटैप हैं, जिससे गंदगी गंगा में गिरती है। इसके अलावा 2 आंशिक टैप्ड परमिया व गुप्तारघाट नाले से ओवरफ्लो होकर सीवेज गंगा नदी में मिलता है।
रात के अँधेरे में गंगा में बहा रहे पाप
स्ट्रिग आपरेशन - गंगा नदी की स्वच्छता
दिनांक - 11 जून बुधवार
समय - रात 08 बजे से रात 08:बजे तक
स्थान - आनंदेश्वर मंदिर परमट घाट
नाला - सरकारी दस्तावेज में टैप टेफ्को नाला
स्थिति - अंधेरा मौके की बिजली बंद की
क्या बोलते है जिम्मेदार
जलकल के जीएम आनंद कुमार त्रिपाठी का कहना है कि मैंने फोटो देखी है, जो हम लोगों ने टेप किया था खोल दिया है। ऐसा कंपनी ने क्यों किया मैं पता लगा रहा हूं। यदि इलेक्ट्रिसिटी नहीं थी तो जेनरेटर चलाया जाना था। मैं जलनिगम से बात कर रहा हूं। नगर निगम के अधिशाषी अभियन्ता आरके सिंह ने बताया कि कंपनी ने डीजल बचाने के लिये यह किया होगा। लेकिन, ऐसा करना बहुत गलत है। मैं, उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दे रहा हूं। वहीं, नगर आयुक्त सुधीर कुमार का कहना है कि मैं तुरंत दिखवा रहा हूं, जो भी दोषी है कार्रवाई होगी। यह अक्षम्य है।
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