लखीमपुर खीरी: कई खट्टी- मीठी यादों के साथ दुधवा का पर्यटन सत्र समाप्त

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Published By Monis Khan
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गैंडों, बाघों सहित अन्य वन्य पशुओं की वृद्धि के चलते सैलानियों को खूब हुए दीदार

पलिया कलां, अमृत विचार। विविध जैव विविधता के लिए समूचे विश्व में विख्यात दुधवा नेशनल पार्क व किशनपुर वन्यजीव विहार का वर्तमान पर्यटन सत्र अनेक खट्टी- मीठी यादगारों के साथ रविवार की शाम समाप्त हो गया। अब यह आगामी 15 नवंबर को खोला जाएगा। इस बीच यहां गैंडों, बाघों एवं अन्य वन्य पशुओं की संख्या में हुई खासी वृद्धि के चलते दुधवा घूमने आने वाले यात्रियों को उनके जहां खूब दीदार हुए।

वहीं प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों व उच्च अधिकारियों का आगमन भी इस पर्यटन सत्र का यादगार बना। कई बाघों व गैंडों आदि की मौत व कई वन्य जंतु अंगों सहित पकड़े गए शिकारियों , तस्करों व लकड़कट्टों ने दुधवा को भारी नुकसान भी
पहुंचाया।

दुधवा टाइगर रिजर्व प्रदेश का एक ऐसा इकलौता टाइगर रिजर्व है जहां देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को काफी आराम से विविध मनोरम प्राकृतिक दृश्यों के अलावा बाघ, तेंदुआ, हाथी, गैंडा, भालू ,बारहसिंगा, चीतल, पाढ़ा, काकड़ आदि दुर्लभ वन्य पशु व सैकड़ों प्रजातियों के रंग-बिरंगे प्रवासी - अप्रवासी पक्षी देखने को मिल जाते हैं । यही कारण रहा कि 6 नवंबर 2024 को प्रारंभ हुए यहां के वर्तमान पर्यटन सत्र में कुल 57373 पर्यटक रविवार तक दुधवा राष्ट्रीय उद्यान व किशनपुर सेंचुरी में घूमने आए। इनमें 644 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। जिनसे कुल 18520398 रुपये की आय इस सत्र दुधवा टाइगर रिजर्व को हुई। यह जानकारी दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डॉ रंगा राजू टी ने दी है। किशनपुर वन्य जीव प्रतिपालक धर्मेंद्र द्विवेदी ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर वन्यजीव विहार में पर्यटन सत्र के अंतिम दिन रविवार को भी पर्यटकों को बाघ के दीदार हुए। इससे पर्यटक काफी उत्साहित हुए एवं अगले सत्र पुनः आने की बात कह कर रवाना हुए।

पर्यटन सत्र में दुधवा की ये रहीं विशेष उपलब्धियां
दुधवा के दक्षिण सोनारीपुर रेंज की 27 वर्ग किमी तारवाड़ से यहां चार गैंडों को रेडियो कॉलर लगाकर स्वच्छंद खुले जंगल में छोड़ने का प्रयास सफल हुआ। वहीं एक सींग वाले 46 गैंडों की संख्या यहां 51 तक इस सत्र में जा पहुंची। दुर्लभ प्रजाति का बेल सांप भी इसी सत्र यहां पाया गया। साथ ही कांड नारस सेंड सांप भी मृत दशा में यहां पहली बार देखा गया। बाघों, तेंदुओं एवं हिरनों आदि वन्य पशुओं की संख्या में वृद्धि के चलते पर्यटकों को इस बार इनके खूब दीदार हुए ।पर्यटकों के लिए लखनऊ से दुधवा हवाई सेवा भी इसी सत्र प्रारंभ हुई, किंतु यह कतिपय कारणों से इन दिनों स्थगित चल रही है।

इस पर्यटन सत्र में पार्क को ये क्षति भी हुई
12 दिसंबर 2024 को जहां एक नर गैंडा शिशु यहां मृत पाया गया, वहीं ग्राम फुलवरिया में दो ग्रामीणों को मरणासन्न करने वाली बाघिन को ग्रामीणों ने मौत के घाट उतार दिया। मैलानी रेंज में भी बाघ का सड़ा गला शव इसी सत्र मिला । मझगई रेंज में मजदूर का शिकार करने वाला बाघ 13 नवंबर 2024 को पकड़ दूसरे जंगल में छोड़ा गया । उधर यूपी एसटीएफ बरेली की टीम ने स्थानीय वनकर्मियों के साथ क्रमशः 19 अक्टूबर 2024 एवं 17 अप्रैल 2025 को पकड़े गए वन्य जंतु अंग तस्करों से बाघ के कई दांत, नाखून व जबड़े की हड्डियां बरामद कीं।

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