संभल: बयान और हिंसा से पहले की व्हाट्सएप काल बनीं सांसद बर्क पर चार्जशीट की वजह
एसआईटी ने माना, 19 को सर्वे के बाद माहौल बर्क के बयान से तनावपूर्ण हुआ
संभल, अमृत विचार। संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के लिए पुलिस ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बड़ा जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। कहा गया है कि 22 नवंबर को सांसद द्वारा जामा मस्जिद के बाहर दिये गये बयान से माहौल में तनाव पैदा हुआ। जांच में इस बात का भी जिक्र है कि सांसद जानबूझकर शहर से बाहर गये और व्हाट्सएप काल व चैटिंग से लोगों को भड़काने का काम किया।
संभल में हिंसा के बाद कोतवाली में दरोगा द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमा अपराध संख्या 335 में सात-आठ सौ की अज्ञात भीड़ के अलावा दो ही नामजद आरोपी थे। एक सांसद जियाउर्रहमान बर्क और दूसरे विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल। पुलिस ने जांच पूरी कर 1100 पेज की जो चार्जशीट अदालत में दायर की है उसमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा का जिम्मेदार माना गया है जबकि सुहेल इकबाल को क्लीन चिट दे दी गई है। इस मामले को देखें तो पुलिस ने जांच की शुरुआत से ही सांसद जियाउर्रहमान बर्क को दोषी मानकर अपनी जांच आगे बढ़ाने का काम किया। कहा गया कि 19 नवंबर को अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई के बाद शहर का माहौल बेहद संवेदनशील हो गया था। इसके बाद 22 नवंबर दिन शुक्रवार को सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद के बाहर जो बयान दिया उससे माहौल तनावपूर्ण हुआ। पुलिस ने माना कि सांसद का बयान भड़काऊ और माहौल खराब करने वाला था।
शहर से बाहर रहकर लोगों को भड़काने का आरोप
सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच कर रही पुलिस टीम 22 नवंबर के बयान से आगे बढ़ी तो उसने 23 नवंबर की देर रात सांसद बर्क द्वारा की गई व्हाट्सएप काल व चैटिंग पर फोकस किया। इसके लिए जामा मस्जिद सदर जफर अली सहित शहर के कई लोगों की काल व चैटिंग को खंगाला गया। इसके बाद कहा गया कि सांसद जानबूझकर हिंसा से पहले शहर से बाहर चले गये और बाहर रहकर चैटिंग व काल से लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का काम किया।
