कानपुर : निलंबित सीएमओ ने जिलाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप, वाट्सएप ग्रुप पर भेजा मैसेज

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Published By Vinay Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। शहर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी के बीच चल रहे विवाद में गुरुवार को शासन स्तर से सीएमओ को निलंबित का दिया गया है। निलंबन के बाद सीएमओ ने गुरुवार रात को वाट्सएप ग्रुप पर जिलाधिकारी के खिलाफ एक मैसेज शेयर किया है, जिसमे उन्होंने जिलाधिकारी पर चीटर अफसर होने का आरोप लगाया है। वहीं, निलंबित सीएमओ ने गुरुवार दोपहर प्रेसवार्ता कर जिलाधिकारी पर आरोप लगाए थे और एसीएमओ डॉ.सुबोध प्रकाश यादव पर भी निशाना साधा था। 

निलंबित सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी ने एक वाट्सएप ग्रुप पर 12 बजकर 22 मिनट पर मैसेज कर आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी पूर्व में जहां-जहां तैनात रहे, वहां-वहां पर भी उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। मैसेज में लिखा कि श्री जेपी सिंह 2002-03 में जिला धामपुर, बिजनौर में एसडीएम के पद पर तैनात रहे हैं। इस दौरान इन्होंने पद का दुरुपयोग किया और भ्रष्ट आचरण अपनाते हुए कुछ कालोनियों के नक्शे पास किए और कोर्ट के आदेश में भी बैक डेटिंग की है। ये ऑफिसर चीटर हैं। 2003 में चीटिंग करके अपना ट्रांसफर ऑर्डर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट से एसडीएम नागबाबाद के पद भेजा गया। मैडम लीना जौहरी जी ने इनके खिलाफ कठोर एक्शन के लिए लिखा।

जिसपर इस अधिकारी के विरुद्ध आईपीसी 420 व अन्य धाराओं में थाना हजरतगंज में एफआईआर दर्ज हुई। सीबीसीआईडी जांच अधिकारी नरेंद्र सिरोही की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। ये ऑफिसर दलित विरोधी है। 2003 में एसडीएम चांदपुर रहते थाना हीमपुर के दलित व्यक्तियों के साथ सार्वजनिक मार पीट की। 2003 में एसडीएम धामपुर रहते सहसपुर सीएचसी प्रभारी राजपाल को पोलियो दिवस पर पुलिस से डंडा लेकर बहुत मारा गया, जिस करण पूरे जनपद बिजनौर में पोलियो-डे भी रोक दिया गया। पूर्व सदस्य संसद शीशराम सिंह रवि ने भी इनके गलत व्यवहार को लेकर व कानून की आड़ में की गई गलत कार्रवाई को सीबीआई से जांच कराने के लिए पीएम साहब, गृह मंत्री साहब, और सीएम साहब को लिखा था। मैंने भी इस ऑफिसर के संबंध में शिकायत की है, मुझे भी अपने प्रभाव से डीएम साहब ने दंडित करवाया। कमिश्नर साहब ने पाया कि मेरा उत्पीड़न जेपी सिंह तत्कालीन एसडीएम ने एसडीएम धामपुर के पद पर रहते हुए किया गया।

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