स्टांप विभाग के 88 उपनिबंधकों और 114 कनिष्ठ सहायकों के स्थानांतरण निरस्त, पंजीयन मंत्री ने खुद CM से की थी गड़बड़ी की शिकायत
लखनऊ, अमृत विचार: स्टांप तथा पंजीयन विभाग में बीते दिनों हुए उपनिबंधकों तथा कनिष्ठ सहायकों के सभी स्थानांतरण निरस्त कर दिए गए हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन अमित गुप्ता ने आदेश जारी कर दिया है। ये जानकारी सोमवार को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने साझा की। उन्होंने विभाग में 59 कार्यरत तथा 29 नव-प्रोन्नत उप-निबंधकों तथा 114 कनिष्ठ सहायकों के स्थानांतरण में अनियमितता की शिकायत पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से की थी।
प्रकरण का गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी स्थानांतरण तत्काल स्थगित करने और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। यहां तक कि आईजी निबंधन समीर वर्मा को पद से हटाकर शासन ने प्रतीक्षारत कर दिया है। इस पूरे मामले में स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने सीधा मोर्चा खोल दिया था। हाल ही में उन्होंने बताया था कि बाबू स्तर के कर्मचारियों को सब रजिस्ट्रार बनाया गया। मेरिट पर तबादला नहीं किए गए जिसमें भ्रष्टाचार की आशंका है। मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि आयुक्त स्तर पर यह गड़बड़ की गई है, जिसकी जांच होगी।
क्या था प्रकरण
महानिरीक्षक निबंधन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा 13 जून को तीन अलग-अलग पत्रों के माध्यम से 58 उपनिबंधकों, एक अन्य उपनिबंधक तथा 29 नव-प्रोन्नत उपनिबंधकों के तबादले व तैनाती आदेश जारी किए गए थे। इसके अतिरिक्त, 14 जून को जारी एक अन्य आदेश के तहत 114 कनिष्ठ सहायक (लिपिक) का स्थानांतरण किया गया था, हालांकि, तबादलों में व्यापक अनियमितता और रिश्वत के आरोप सामने आने के बाद शासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।
कई अधिकारियों, कर्मियों की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम में विभाग के दो अपर महानिरीक्षक (एआईजी) सहित करीब आधा दर्जन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। मामले की उच्च स्तरीय जांच संभव है। शासन स्तर से स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक पूरी प्रक्रिया की जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी भी स्थानांतरण आदेश को लागू नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ेः UP NEWS: शिक्षकों के जून माह के वेतन पर संकट, आईडी ट्रांसफर बनी बड़ी वजह
