पूरे दक्षिण एशिया में आलू-शकरकंद की मांग पूरी करेगा आगरा, अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना पर कैबिनेट में मुहर
लखनऊ, अमृत विचार। आगरा अब पूरे दक्षिण एशिया में आलू और शकरकंद की मांग पूरी करेगा। आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को 111 करोड़ रु. की मंजूरी मिली है। यह जानकारी कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि, आगरा के सींगना स्थित राजकीय औद्यानिक प्रक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, लीमा (पेरू) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के लिए 111 करोड़ रु.की स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि इससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे एशिया क्षेत्र को कृषि अनुसंधान व तकनीकी नवाचार का लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा कि यह केंद्र आलू व शकरकंद की उन्नत, पोषणसमृद्ध और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास, कटाई के बाद प्रबंधन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, विपणन, और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण आयामों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक होगा।
एक शाखा चीन में है और दूसरी शाखा आगरा में
कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री ने कहा कि आलू की उत्पत्ति जिस देश पेरू में हुई, वहीं के अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र की यह शाखा अब आगरा में स्थापित की जा रही है। एशिया में अब तक इसकी केवल एक शाखा चीन में है और दूसरी शाखा आगरा में खुलना उत्तर भारत और राज्य के किसानों के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 2300 कोल्ड स्टोरेज संचालित हैं। आगरा और आसपास के क्षेत्रों में ही 1000 से अधिक कोल्ड स्टोरेज स्थित हैं, जो इस क्षेत्र को आलू उत्पादन और भंडारण का सबसे उपयुक्त केंद्र बनाते हैं।
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