शाहजहांपुर : सीबीआई चीफ और जज बनकर ठगी करने वाले सात ठग गिरफ्तार
प्रगतिशील किसान को बनाया था निशाना, एक करोड़ 4 लाख रुपये ठगे थे
शाहजहांपुर, अमृत विचार। प्रगतिशील किसान को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ चार लाख 47 हजार रुपये की ठगी करने के मामले में साइबर क्राइम थाना और एसआजी ने सीबीआई चीफ और जज बनकर ठगी करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का सरगना फरार है। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे मोबाइल, एटीएम कार्ड, पास बुक बरामद की है। गिरोह डिजिटल अरेस्ट करने वालों का काम करते थे।
चौक कोतवाली के मोहल्ला दीवान जोगराज निवासी शरद चंद्र ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 6 मई को उसके पास एक फोन आया था। फोन करने वाले व्यक्ति ने अपने आप को सीबीआई का चीफ विजय खन्ना बताया था। आरोपी ने कहा था कि वित मंत्रालय से जुड़े केस में पूछताछ होनी है। काल करने वाले ने आरोप लगाया था कि पीड़ित के खाते से सेंट्रल बैंक मुंबई में दो करोड़ 80 लाख रुपये ट्रांसफार हुए है। आरोपी से कहा था कि जज के सामने पेश होना होगा। धोखाधड़ी के केस में जमानत देने के नाम पर 14 दिन तक फंसाए रखा। गिरोह ने एक करोड़ चार लाख 47 हजार रुपये ठगकर खाते में ट्रांसफर करा लिए।
एएसपी सिटी देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था। पुलिस टीम ने जांच शुरु की। पुलिस को एक ऐसा खाता मिला और सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी सचिन निवासी रेलवे कालोनी जिला झांसी, गौतम सिंह निवासी संगम बिहार नई दिल्ली, प्रंशात निवासी जगनेर रोड थाना मलपुरा जिला आगरा, संदीप कुमार निवासी मुरारी नगर थाना खुर्जा जिला बुलंदशहर, सैयद सैफ निवासी भारत कालोनी थाना खेड़ी पुल जिला फरीदाबाद, आर्यन शर्मा निवासी श्रीराम कालोनी थाना मसूरी जिला गाजियाबाद, पवन यादव निवासी कनौरा सुनौनिया जिला टीकमगढ़ है। पुलिस ने नौ मोबाइल फोन, सात डेविट कार्ड, पास बुक बरामद की है। गिरोह का सरगना फरार है। पुलिस ने सभी अभियुक्तों का चालान कर दिया। टीम में साइबर क्राइम प्रभारी सर्वेश कुमार, एसओजी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह, उप निरीक्षक मनोज कुमार, रिंकू कुमार आदि थे।
धनराशि 40 बैंक खातों में ट्रांसफर की गयी थी
अभियुक्तों ने पीड़ित को गुमराह करके दो करोड़ 80 लाख रुपये का गैर कानूनी ट्रांजेक्शन होने की जानकारी दी थी। वीडियो काल पर डिजिटल अरेस्ट किया था। आरोपियों ने बरी के नाम एक करोड़ चार लाख 47 हजार रुपये खाते में ट्रांसफार करा लिए थे। इसके बाद 40 बैंकों में धनराशि ट्रांसफर की गयी थी। 71 लाख रुपये का ट्राजेक्शन हैदराबाद के कारर्पोरेट खाते में किया था। उसी दिन तीन करोड़ रुपये का ट्रांजक्शन हुआ था।
एक आरोपी है एमबीए पास
अभियुक्त गौतम सिंह एमबीए पास है। उसने दिल्ली से एमबीए किया था। एमबीएस पास समेत अभियुक्त दस प्रतिशत कमीशन पर काम करते थे। यह गिरोह डिजिटल अरेस्ट करने वालों के लिए काम करते थे। अभियुक्त गिरोह के सरगना की मदद करते थे।
सभी अभियुक्त फिनटेक साइबर गिरोह के सदस्य है। इस प्रकरण में जिन बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई है। उनकी जांच करायी जाएगी। इतनी बड़ी धनराशि ट्रांसफर हो रही है तो बैंक को भी निगरानी रखनी चाहिए थी। गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है। राजेश द्विवेदी एसपी
क्या है डिजिटल अरेस्ट और फिनटेक फ्रॉड
यह कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि साइबर ठगों की डराने की चाल है।
वीडियो कॉल पर खुद को अधिकारी बताकर डराया जाता है।
फर्जी डॉक्युमेंट्स व वर्दी से विश्वसनीयता का भ्रम पैदा किया जाता है।
फिर पीड़ित को डिजिटल कस्टडी में बताकर उसके खातों से पैसे निकलवाए जाते हैं।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि
किसी भी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी न दें।
कोई भी सरकारी एजेंसी व्हाट्सऐप या कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती।
संदिग्ध कॉल या व्यवहार की तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।
सावधान रहें, सतर्क रहें — डिजिटल ठगों से खुद को बचाएं।
ये भी पढ़ें - शाहजहांपुर: पेशकार, रजिस्ट्रार कानूनगो और कंप्यूटर ऑपरेटर ने बनाया तहसीलदार का फर्जी आदेश...अब होगी FIR
