यूपी वालों ने जून में खूब छलकाए जाम, सरकारी खजाने में आया रिकॉर्ड 4458.22 करोड़ का टैक्स
अमृत विचार : यूपी में शराब के शौकीनों ने जून में आबकारी विभाग की मौज करा दी। इस एक महीने में आबकारी विभाग ने 4458.22 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। अप्रैल से जून तक-वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की बात करें तो इसमें 14,229 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया। यूपी के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया कि ये राजस्व निर्धारित लक्ष्य का करीब 98.8 प्रतिशत है। इस दौरान राज्य में अवैध शराब के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 7.72 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गई।
उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग के राजस्व में वृद्धि का बड़ा कारण अवैध शराब पर प्रभावी कार्रवाई भी मानी जा रही है। जून में अवैध शराब तैयार करने, उसकी बिक्री और तस्करी के कोई 29,784 मामले दर्ज किए गए। 5,559 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और एक हजार से अधिक लोगों को जेल भेजा गया।
इसके अलावा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, अवैध शराब की बिक्री पर लगाम और लाइसेंस बिक्री व्यवस्था को मजबूत बनाना है। अवैध शराब के खिलाफ ये सरकारी आंकड़े आम लोगों को भी राहत प्रदान करते हैं। इसलिए भी क्योंकि इससे पहले राज्य में अवैध या कच्ची-देसी शराब के सेवन से बड़ी दुर्घटनाएं सामने आती रही हैं।
इसलिए आबकारी विभाग ने इसके लिए जन-जागरुकता अभियान का सहारा लिया। गांव, कस्बा और शहरों में नुक्कड़-नाटक, बैनर-पोस्टर के जरिये आम लोगों को अवैध शराब के नुकसान और खतरे बताए। जन-जागरुकता की कोशिशों के बीच शराब तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई का सिलसिला भी जारी रहा। और इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई देखने को मिली है।
नकली शराब की पहचान के लिए आबकारी विभाग ने लैब तैयार कीं। छापेमारी के दौरान जो अवैध शराब पकड़ी जाती। लैब में उसके सैंपल चेक कराए जाते। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की अवैध फैक्ट्रियों का पर्दाफाश हुआ और उन पर कार्रवाई की गई। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के मुताबिक, हमारा मकसद केवल राजस्व बढ़ाना भर नहीं है, बल्कि नियंत्रित शराब कारोबार को बढ़ाना है। अवैध कारोबारियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
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