योगी सरकार पर भड़के बाराबंकी सांसद, बोले-प्राथमिक विद्यालयों को बंद करना गरीबों पर हमला
बाराबंकी, अमृत विचार। सांसद तनुज पुनिया ने उत्तर प्रदेश सरकार के 5000 प्राथमिक विद्यालय बंद करने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने ओबरी स्थित अपने आवास पर यह मुद्दा उठाया। पुनिया ने कहा कि यह फैसला गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर सीधा हमला है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21ए का हवाला दिया। यह अनुच्छेद हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है।
सांसद ने तेलंगाना के खम्मम जिले का उदाहरण दिया। वहां एक सरकारी स्कूल में सिर्फ एक छात्रा के लिए भी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार चाहे तो संसाधनों की कमी के बावजूद शिक्षा जारी रख सकती है।
पुनिया ने कहा कि वे मानसून सत्र में यह मुद्दा संसद में उठाएंगे। उन्होंने कांग्रेस सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। इनमें सर्व शिक्षा अभियान, एकलव्य मॉडल स्कूल, बालिका शिक्षा अभियान और मिड-डे मील शामिल हैं।
इन योजनाओं ने वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ा था। सांसद के अनुसार प्राथमिक विद्यालय ग्रामीण भारत के भविष्य के निर्माता हैं। स्कूल बंद करने से शिक्षा का निजीकरण बढ़ेगा। इससे समाज का कमजोर वर्ग शिक्षा से वंचित हो जाएगा।
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