Bareilly: पीएम किसान निधि घोटाला....जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक समेत चार पर FIR

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
On

बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा में किसानों को दी जाने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के खातों के जरिये 1.31 करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोपी चार बैंक अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बैंक के वरिष्ठ सहायक अंकित कुमार की तहरीर पर शाखा प्रबंधक गौरव वर्मा, पूर्व शाखा प्रबंधक मुकेश कुमार गंगवार, कैशियर चंद्र प्रकाश और बैंक कर्मचारी दीपक पांडे के खिलाफ फरीदपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

बैंक में तैनात वरिष्ठ सहायक अंकित कुमार ने बताया कि शाहजहांपुर निवासी किसान अशोक यादव ने सहकारी बैंक महाप्रबंधक से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्तें उसके खाते में नहीं आ रही हैं, जबकि पोर्टल पर भुगतान दिख रहा है। इसके बाद सहकारी बैंक के डिप्टी जीएम ने 16 मई को फरीदपुर शाखा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में सामने आया कि किसानों की पीएम किसान निधि की रकम को 21 फर्जी खातों में ट्रांसफर करने के बाद नकदी की निकासी की गई है। इन खातों का असली किसानों से कोई संबंध नहीं था। प्राथमिक जांच में 1.31 करोड़ रुपये के गबन होने की पुष्टि हुई। इसके बाद जांच को आगे बढ़ाते हुए बैंक प्रशासन ने 23 मई को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच में गौरव वर्मा, मुकेश कुमार गंगवार, चंद्र प्रकाश और दीपक पांडे दोषी पाए गए। इसके बाद चारों के खिलाफ मंगलवार को फरीदपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, कूट रचना और पद के दुरुपयोग जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

सिस्टम से छेड़छाड़, अकाउंट नंबर भी बदले
गठित कमेटी ने जांच आगे बढ़ाई तो खुलासा हुआ कि गबन करने वालों ने बैंक के कंप्यूटर सिस्टम से जान बूझकर छेड़छाड़ की। असली खातों की जगह नकली खातों में धन राशि ट्रांसफर की गई। कई बार किसानों के खातों का आईएफएससी कोड और बैंक खाते नंबर बदल दिए गए, जिससे राशि गलत खाते में जाए और किसानों को शक भी न हो।

जिले भर की शाखाओं में शुरू हुई जांच
फरीदपुर घोटाले के बाद बरेली जिले की सभी सहकारी बैंक शाखाओं में खातों की स्क्रूटनी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों को आशंका है कि इसी तरह के फर्जीवाड़े अन्य शाखाओं में भी हो सकते हैं। अब यह घोटाला सिर्फ एक शाखा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह जिलाव्यापी जांच का आधार बन चुका है। ऐसे में चारों की निलंबन के बाद बर्खास्तगी जल्द हो सकती है।

संबंधित समाचार