अब बोर्ड बदलने पर भी नहीं बदलेगा Syllabus: छात्रों को होगी सहूलियत, पढ़ाई में होगी सुविधा
लखनऊ, अमृत विचार: एक शिक्षा बोर्ड से दूसरे बोर्ड में प्रवेश लेने वालों के छात्रों के पाठ्यक्रम में अब ज्यादा बदलाव नहीं मिलेगा। अभी अन्य बोर्ड में पंजीकृत होने पर छात्रों के पाठ्यक्रम में विविधता मिलती है और उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता था। छात्रों को इस समस्या ने निजात दिलाने के लिए एनएसी परख ने पहल की है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद व एनएसी परख के संयुक्त तत्वावधान में प्रयागराज स्थित जीबी पंत संस्थान में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ पाठ्यक्रम पर मंथन कर रहे हैं। पाठ्यक्रम को लेकर परख की सीईओ इंद्राणी भादुड़ी ने क्वेश्चन पेपर टेंपलेट (क्यूपीटी) का गहन विश्लेषण किया है। उन्होंने बताया कि मॉडल पेपर व ब्लू प्रिंट की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि वर्तमान में देश में लगभग 60 परीक्षा संस्थाएं काम कर रहीं हैं।
इनके प्रश्नों के प्रकार, उद्देश्य और कठिनाई के स्तर में विविधता पाई जाती है। मुख्य उद्देश्य सभी बोर्ड की विविधता का सम्मान करते हुए उसे सुसंगत बनाने की कोशिश करने के साथ एक मानकीकृत प्रश्नपत्र ढांचा स्थापित करना है। परीक्षा केंद्रित मानसिकता को कम करना, विभिन्न राज्यों के बोर्ड में मूल्यांकन में छात्रों की रटने की प्रवृत्ति को कम करते हुए उच्चतर चिंतन कौशल, पारदर्शिता, सीखने आदि बिंदुओं पर समझ विकसित करना है।
पाठ्यक्रम में किए बदलाव
सीबीएसई बोर्ड समेत कई स्टेट बोर्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2024 ( के तहत कई बदलाव कर रहे हैं। एनईपी 2024के अनुपालन में यूपी बोर्ड भी शामिल है अधिकाारियों ने बताया कि एनईपी 2020 के अनुपालन में, यूपी बोर्ड ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कई तरह के बदलाव किए है। इसके साथ ही अन्य बोर्डों के अनुरूप अन्य बदलाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह बदलाव यूपी बोर्ड कक्षा 9वीं, 10वीं के पाठ्यक्रम के साथ प्रश्न पत्र के प्रारूप, हाईस्कूल परीक्षा के लिए कुल अंकों में किया जाएगा। बोर्ड से जुड़े 27,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग एक करोड़ छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से इन बदलावों को लागू करने के लिए बोर्ड विशेषज्ञों से राय ले रही है।
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