यूपी सरकार ने Aviation Sector को लेकर तय की नीति: MRO सुविधाओं के लिए गाइडलाइंस की जारी, रोजगार के अवसरों में होगी वृद्धि
अमृत विचार, लखनऊ। राज्य सरकार ने राज्य में वायुयानों के मेनटेंनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधाओं के विकास को लेकर एक अहम कदम उठाते हुए गाइडलाइंस जारी कीं हैं। साथ ही क्रियान्वयन प्रक्रिया पर भी सरकार ने निर्णय ले लिया है। इस क्रम में सरकार ने उद्यमियों की सुविधा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को 31 दिसम्बर, 2024 से बढ़ाकर अब 31 दिसम्बर, 2026 कर दिया है। राज्य सरकार की इस पहल से उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, तकनीकी दक्षता में सुधार होगा और एविएशन सेक्टर को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव एसपी. गोयल की ओर 30 जून को निदेशक नागरिक उड्डयन को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गये हैं। निर्धारित नीति के अंतर्गत कैपिटल इनवेस्टमेंट करने वाली संस्थाओं की सुविधा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों एवं क्रियान्वयन प्रक्रिया को राज्य सरकार से स्वीकृति दे दी गई है। यह निर्णय नागरिक उड्डयन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर आधारित है, जिसमें राज्य में एमआरओ सेक्टर में कैपिटल इनवेस्टमेंट करने वाली संस्थाओं को सुविधाएं देने के उद्देश्य से दिशा-निर्देशों का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया था। उक्त मसौदे को शासन द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।
इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में एमआरओ गतिविधियों को प्रोत्साहित करना, निजी निवेश को आकर्षित करना एवं उत्तर प्रदेश को इस क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र के रूप में विकसित करना है। इससे पूर्व, शासनादेश 30 जून, 2022 के माध्यम से एमआरओ नीति घोषित की गई थी तथा दिनांक 24 जनवरी, 2024 को एमआओ कैपिटल इनवेस्टमेंट सब्सिडी रिक्वेस्ट फार्म को भी अनुमोदन प्रदान किया गया था।
