लखनऊ समेत देशभर में जश्न का माहौल, धरती पर लौटते ही माता-पिता की आंखो में आंसू, बहन बोलीं- शब्द नहीं, भाई ने देश के लिए जो सोचा वो हासिल किया
लखनऊ। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ को पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए और इस खुशी में उनके गृह नगर लखनऊ में हर जगह जश्न का माहौल है। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए।
ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा। शुभांशु के गृहनगर लखनऊ में इस उपलब्धि पर देशभक्ति के नारे गूंज उठे और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। उनके पूर्व विद्यालय सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के कानपुर रोड परिसर में भी लोगों ने जश्न मनाया।
शुभांशु के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भारतीय झंडे लहराकर कैप्सूल के प्रशांत महासागर में उतरने का स्वागत किया। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और उनकी मां आशा की आंखों में खुशी के आंसू देखे गए, जबकि उनकी बहन सुचि मिश्रा ने नम आंखों और हाथ जोड़कर अपने भाई के उतरने का स्वागत किया।
शुभांशु शुक्ला के माता पिता का आया बहवूक बयान सामने
शंभू शुक्ला ने कहा, ‘‘वह अंतरिक्ष में गया और वापस आया है और हम बहुत खुश हैं क्योंकि इस मिशन का देश के गगनयान कार्यक्रम के लिए अपना महत्व है।’’ शुभांशु की मां आशा देवी अपने बेटे की असाधारण उपलब्धि पर भावुक हो गईं।
अपने भाई से मिलने को इंतजार कर रही बहन
सुचि ने कहा, ‘‘पिछले 18 दिन हमने अपने भाई की अंतरिक्ष यात्रा के बारे में इतनी बातें की कि अब जब लैंडिंग हुई तो हमारे पास शब्द नहीं हैं। यह जानकर बहुत सुकून मिलता है कि मेरे भाई ने देश के लिए जो कुछ भी हासिल करने का लक्ष्य रखा था, वह हासिल हो गया है।’’ उनकी बहन, सुचि ने बताया कि शुभांशु अपने साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 'गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा' जैसी भारतीय मिठाइयाँ ले गए थे क्योंकि उन्हें ये बहुत पसंद हैं। सुचि ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा पर उनके सह-यात्री भी इसका स्वाद चखें। उन्होंने कहा, "वीडियो और पोस्ट के ज़रिए हमें जो कुछ भी पता चला है, उससे लगता है कि उन सभी को यह बहुत पसंद आया।"
रिश्तेदारों की बधाई का लगा ताता
शुभांशु की पत्नी कामना अभी लखनऊ में नहीं हैं। उनके बारे में शंभू दयाल ने कहा "अभी कामना फ्लोरिडा में हैं।” उन्होंने कहा कि “दोनों लखनऊ में एक साथ पढ़ते थे और परिवार की सहमति से दोनों का विवाह हुआ। उनका छह साल का बेटा कियाश हैं।” शुभांशु इस अक्टूबर में 40 साल के हो जाएँगे।
18 दिन ISS पर रहने के बाद पृथ्वी पर लौटे शुभांशु
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर सकुशल वापसी हो गई, जो सोमवार को शाम 4:45 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हुआ। जिसके लिए लखनऊ में उनके पिता अपने परिवार समेत लगातार पूजा अर्चना करते रहे। शुक्ला की वापसी मंगलवार को हो गई। इसके पहले परिजनों ने हवन-पूजन और रुद्राभिषेक कर प्रार्थना की कि शुभांशु बिना किसी परेशानी के पृथ्वी पर वापस लौट आएं। राजधानी के त्रिवेणी नगर इलाके में स्थित शुभांशु के पैतृक घर को रोशनी से सजाया गया है और घर के बाहर उनके उपनाम "शक्स" के पोस्टर लगे हैं।
राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुक्ला ने इतिहास रच दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति में एक और उपलब्धि जुड़ गयी।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के प्रवास के बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर लौटने से पहले 22.5 घंटे की यात्रा की।
शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन, तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू को लेकर अंतरिक्ष यान सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो गया था। स्पेसएक्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ड्रैगन के उतरने की पुष्टि हो गई है - पृथ्वी पर आपका स्वागत है, @एस्ट्रोपेगी, शुक्स, @एस्ट्रो_स्लावोज़ और टिबी।
सबसे पहले पैगी व्हिटसन अंतरिक्ष यान से बाहर निकलीं, कुछ मिनट बाद शुक्ला भी मुस्कुराते हुए बाहर निकले। पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू भी ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बाहर निकले।
रक्षामंत्री ने दी बधाई
शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष से लौटने पर राजनाथ सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल अंतरिक्ष को छुआ है, बल्कि भारत की आकांक्षाओं को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
