पीलीभीत: दो करोड़ के नाले में खेल के शोर पर जागे जिम्मेदार, अब होगी जांच
पीलीभीत, अमृत विचार। बरखेड़ा नगर पंचायत में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बन रहे नाले की दीवार ढहने के मामले में अब प्रशासन हरकत में आया है। निर्माण शुरू होने के कुछ ही दिनों में दीवार गिरने से जहां जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए थे, जिसमें लगातार गड़बड़ी के आरोप लग रहे थे। जिस पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है। पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को जांच की कमान सौंपी गई है, जो मौके पर जाकर निर्माण की गुणवत्ता की परख करेंगे। इसके बाद ही निर्माण शुरू कराया जाएगा। फिलहाल निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है, लेकिन मौके पर निर्माण कार्य चल रहा है।
बता दें कि पीलीभीत-बीसलपुर मार्ग का चौड़ीकरण कार्य कराया गया है। इसके बाद नेशनल हाईवे की ओर कस्बा बरखेड़ा में सड़क के दोनों तरफ नाले का निर्माण कार्य करा दिया था। ऐसे में कस्बे में जल निकासी की समस्या पैदा हो गई थी। इसको देखते हुए नगर पंचायत बरखेड़ा की ओर से नाले का निर्माण कराया जा रहा है। पंचायत की ओर से 1.700 किमी का नाला दो करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। पंचायत की ओर से यह काम चार ठेकेदारों को मिला है। नगर पंचायत के जिम्मेदारों के अनुसार, इन सभी ठेकेदारों को वर्क ऑर्डर मार्च के आखिर में जारी किए गए थे। एक ठेकेदार ने करीब 170 फीट की दीवार दोनों तरफ बनाकर तैयार कर दी थी, मगर सप्ताह भर से कम समय में ही 30 फीट का हिस्सा ढह गया था। इसमें निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। मगर जिम्मेदार इस लापरवाही को छिपाने में जुटे रहे।
चेयरमैन हों या ईओ, हर कोई बारिश में दीवार ढहने की बात कहते हुए ठेकेदार को बचाने को प्रयास करते रहे। मामला वायरल होने के बाद अब जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए नाले की गुणवत्ता परखने के लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। यह जांच पीडब्ल्यूडी एक्सईएन राजेश चौधरी और एई को दी गई है। जांच पूरी होने के बाद निर्माण कार्य को रुकवा दिया है। स्थिति यह है कि नाले के ड्राइंग में जो दीवार की मोटाई और लंबाई तय की गई थी। वह मौके पर नहीं है। नाले की मोटाई 15 सेमी की जगह 11 सेमी निकली है। फिलहाल कार्यदायी संस्था को काम रोकने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कार्यदायी संस्था बुधवार को भी मौके पर काम कराती रही।
नाला निर्माण शुरू कराया, जल निकासी तय नहीं
बरखेड़ा नगर पंचायत में दो करोड़ की लागत से बनाए जा रहे नाले का निर्माण कराया जा रहा है, मगर जिम्मेदारों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि नाले का पानी कहां जाकर गिरेगा? मगर स्थानीय लोगों की मानें तो एनएचआई के नालों का पानी खाली प्लाट और खेतों में गिर रहा है। नगर पंचायत के नालों का पानी भी खाली प्लाटों में गिरेगा। वर्तमान में काम संभाले रहे जेई का कहना है कि वह एक माह पहले आए हैं। इसलिए उन्हें जानकारी नहीं है कि नाले का निकास किधर होगा।
एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया ने बताया कि नगर पंचायत बरखेड़ा में बनवाए जा रहे नाले का कुछ हिस्सा ढह गया था। मामला संज्ञान में आने पर गंभीरता से लिया जा रहा है। इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा।
