कानपुर पहली बार वाटर प्लस कैटेगरी में शामिल : देश में 13वां स्वच्छ शहर बना कानपुर, प्रदेश में आई 5वीं रैंक

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Published By Vinay Shukla
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की रैंकिंग में कानपुर शहर ने देश में पिछले बार ही अपेक्षा 5 पायदान मारी छलांग

कानपुर, अमृत विचार: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में कानपुर नगर निगम ने देश में 10 लाख आबादी वाले 48 शहरों की कैटेगरी में 13वीं रैंक हांसिल की है। पिछले वर्ष यह रैंक 18 थी। इस बार नगर निगम ने 5 पायदान ऊपर छलांग लगाई है। वहीं, 10 लाख आबादी वाली शहने में प्रदेश में कानपुर 5वां स्वच्छ शहर बन गया है। पिछले बार 8वें स्थान पर शहर था। कानपुर नगर निगम ने पहली बार वाटर प्लस कैटेगरी में भी जगह बना ली। देश के 88 गंगा टाउन सिटी (नगर व पंचायत) में गंगा की साफ-सफाई के मामले में कानपुर को देश में तीसरा स्थान मिला है। इसमें प्रयागराज पहले और वाराणसी दूसरे स्थान पर आया है।  

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स (आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय) द्वारा 10 लाख आबादी वाले शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 की रैंकिंग जारी कर दी है। देश के टॉप थ्री शहरों में इस बार क्रमश: अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ आए हैं। चौथे स्थान पर रायपुर और पाचवें पर जबलपुर है। इसी तरह यूपी में लखनऊ पहले स्थान पर, आगरा दूसरे, प्रयागराज तीसरे, गाजियाबाद चौथे और कानपुर शहर स्वच्छता के मामले में 5वें स्थान पर आया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित सिंह ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा नगर निगम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत 12,500 नंबर में 11022 नंबर मिले है। जबकि पिछले वर्ष 9500 नंबर में 6409 अंक मिले थे।

उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में 96 प्रतिशत, सोर्स सेग्रीगेसन में 79 प्रतिशत, वेस्ट जनरेशन एवं प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत, रेमेडिएसन ऑफ डम्पसाइट में 95 प्रतिशत, क्लिनलेस ऑफ रेसीडेन्सियल एरिया में 100 प्रतिशत, क्लिनलेस ऑफ मॉर्केट एरिया में 100 प्रतिशत, क्लिनलेस ऑफ वाटर बॉडीस में 100 प्रतिशत एवं क्लिनलेस ऑफ पब्लिक टॉयलेट में 87 प्रतिशत अंक मिले हैं। बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ सफाई, निजी से लेकर सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति, खुले में शौच मुक्त की स्थिति, कूड़ा उठान, कूड़ा निस्तारण, शहर में विकास कार्यों, सीवरेज सिस्टम व जलापूर्ति व्यवस्था के बाबत केंद्रीय टीम ने शहरवासियों से राय ली थी। उसके आधार अंक तय होते हैं। प्रेसवार्ता में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय कुमार संखवार, डॉ. चंद्रशेखर के साथ वर्कशाप प्रभारी रहमान आदि रहे।

यहां रहे कमजोर, टॉप टेन में नहीं हो सके शामिल
घर-घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरे शहर में नहीं लागू हो पाया है । यह होता तो कानपुर टाप टेन में आ जाता। 110 वार्डों में अभी तक महज 90 वार्डों में कूड़ा उठाया जा रहा है। डॉ. अमित सिंह ने बताया कि पिछले दिनों 258 खुले कूड़ाघर चिन्हित कर उन्हें समाप्त किया गया था। लेकिन, करीब 150 कूड़ाघर फिर से खुले में हो गए हैं। इन्हे हटाया गया है। अमित सिंह ने कहा कि नगर निगम लगातार संसाधन बढ़ा रहा है। आने वाले वर्षों में कानपुर नगर निगम टॉप 10 में शामिल होने का प्रयास करेगा। 

यहां मिली मजबूती
भऊसिंह में सालों से बंद कूड़ा निस्तारण प्लांट जनवरी 2020 में नगर निगम ने अपने संसाधनों से चालू कराया। इस वक्त खाद व आरडीएफ बन रही है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी मिशन से शहर में छह आधुनिक कू़ड़ा ट्रांसफार स्टेशनों का निर्माण कराया। कूड़ा सीधे प्लांट भेजा जाता है। सालों से जमें कूड़े को हटाया जा रहा है।

नगर निगम को 5 स्टार रेटिंग
डॉ. अमित सिंह ने बताया कि कचरा मुक्त शहरों जीएफसी के तहत पहली बार नगर निगम को 5 स्टार रेटिंग मिली है। इससे पहले थ्री स्टार मिला था। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त सुधीर कुमार और महापौर प्रमिला पांडेय के साथ शहरवासियों के सहयोग से शहर में स्वच्छता का स्तर सुधर रहा है।

स्वच्छता रैंकिंग की स्थिति


वर्ष                     रैंकिंग
2018                    65
2019                    63
2020                    25
2021                    21
2022                    29
2023                   18
2024                   13

नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि कानपुर नगर निगम ने पूरे शहर में कैसे स्वच्छता बनाए रखें इसपर काम किया है। कानपुर ने जीएफसी में 5 स्टार रेटिंग पाई है। अब हम ओडीएफ प्लस से वाटर प्लस श्रेणी में आ गए हैं। देश में 13वीं रैंक दर्शाती है कि हमारे सफाई कर्मचारियों ने मेहनत की है। कूड़ा उठाने और उसके निस्तारण में हमने बेहतर कार्य किया है। 

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