कानपुर : मेट्रो कॉरिडोर-1 के भूमिगत सेक्शन की होगी जांच,
-परेड चौराहे से नयागज होते हुए घण्टाघर का मेट्रो सेक्शन भूमिगत है, भवनो में डी- सेटलमण्ट के कारण क्रेक आने की शिकायतें हुई दर्ज
कानपुर, अमृत विचार। परेड चौराहे से नयागज होते हुए घंटाघर तक मेट्रो सेक्शन भूमिगत है। यहां वार्ड-76 - हरवंश मोहाल, वार्ड-90 दानाखोरी और वार्ड 106 कलक्टरगंज के नीचे से मेट्रो ट्रेन का संचालन हो रहा है। इन वार्डों में रहने वाले लोगों द्वारा भूमिगत मेट्रो के कारण अपने भवनो में क्रेक आने की शिकायतें लगातार की जा रही हैं। कछियाना मोहाल में तो कई घर बुरी स्थिति में हैं। बरसात में जो कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं। जिससे स्थानीय लोग डर के साए में हैं। क्षेत्रीय पार्षद ने भी इसकी शिकायत की है। जिसके बाद नगर निगम ने मेट्रो को वार्डों में भूमिगत मेट्रो लाइन एलाइन्मेन्ट में डी-सेटलमेंट (भू-तकनीकी डिजाइन और विश्लेषण) की जांच करने के निर्देश दिये हैं।
जोन-1 के अन्तर्गत वार्ड-90 दानाखोरी में 13 जुलाई को हुई भारी बारिश के कारण सड़क धंस गई थी। जिसपर मेट्रो की टीम द्वारा स्थल का सर्वे कराया गया था। इसी दिन गड्ढे के पास लगभग 50 मीटर की दूरी पर मकान संख्या 66/292 का छज्जा रात 09 बजे बारिश के कारण गिर गया था।
.jpg)
जिसका पुनः निरीक्षण रात्रि में ही करने के दौरान स्थानीय निवासियों द्वारा आशंका व्यक्त की गई कि भूमिगत मेट्रो रेल के निर्माण के दौरान की गयी खोदाई व मेट्रो रेल के चलने से होने वाले कम्पन के कारण पुराने भवनों के गिरने का खतरा बना है, जिससे दुर्घटना की सम्भावना हमेशा बनी रहती है। मुख्य अभियंता एसएफए ने मेट्रो के परियोजना प्रबंधक को मेट्रो के भूमिगत भाग के आसपास स्थित पुराने भवनों का वैज्ञानिक पद्धति से तकनीकी परीक्षण कराने के लिए पत्र लिखा है। जोन एक के अधिशाषी अभियन्ता ने भी मेट्रो को परेड चौराहे से नयागंज होते हुये घण्टाघर का भूमिगत मैट्रो सेक्शन में मेट्रो लाइन एलाइन्मेन्ट में डी-सेटलमण्ट की जांच कराने को कहा है।
क्या कहते है पीड़ित मकान मालिक
मंजरी ने बताया कि मेट्रो रेल के चलने से होने वाले कम्पन के कारण पुराने भवनों के गिरने का खतरा बना है, लगातार दरार बढ़ रही है। कौशल कुमार मिश्रा का कहना है कि रात में सोते समय डर लगता है। बरसात के चलते दरार बढ़ रही है। किसी भी समय हादसा होने का डर लगा रहता है। ओमश्री मिश्रा ने बताया कि हम काफी समय से शिकायत कर रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आस-पास की सड़कें भी धंस रही हैं। घरों में रहने से डर लगने लगा है।
रंजना का कहना है कि मेट्रो के कार्य होने के बाद से समस्या है। मेरे मकान के अलावा आस-पास के घरों में भी दरारे हैं। क्षेत्रीय पार्षद से लगातार कह रहे हैं। वार्ड 90 के पार्षद आदर्श गुप्ता का कहना है कि एक दर्जन मकानों में दरारें आईं हैं। बरसात के समय में लोग डर में रह रहे हैं। भगवान न करे कोई दुर्घटना हो। एक मकान तो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। वही, मेट्रो के पीआरओ पंचानन मिश्रा ने बताया कि टनल से मिट्टी खिसक नहीं सकती है। 15 मीटर नीचे मेट्रो ट्रेन चल रही है। हम लोग आरोप प्रत्यारोप में नहीं पड़ते हैं। मेट्रो की वजह से न सड़क धंस रही और न ही मकान में क्रेक आ रहा है।
यह भी पढ़ें:- इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: नकल करने वालों को नहीं मिलेगी जमानत
