बाराबंकी: अचानक अचेत हुई छात्रा की चंद पलों में मौत, दोस्तों संग बात करते समय नाक से गिरा खून, सदमे में परिजन
बाराबंकी, अमृत विचार। कॉलेज पहुंचते ही बेहोश हुए छात्र की साइलेंट अटैक से मौत की घटना के 18 दिन बाद एक और छात्रा की ठीक वैसे ही अचानक मौत हो गई। शुक्रवार सुबह कॉलेज में दोस्तों संग बात कर रही छात्रा के नाक से अचानक खून आया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद परिजन सदमे में हैं। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया। उधर इस तरह की घटनाओं से कॉलेज व अभिभावक दहशत में आ गए हैं।
यह घटना शुक्रवार को शहर के लखपेड़ाबाग स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में हुई। टिकैतनगर थाना क्षेत्र के ग्राम नियामतगंज में रहने वाले राजितराम वर्मा की तीन पुत्रियां सुधा, नंदिनी व सविता शहर के श्रावस्ती नगर में रहकर पढ़ाई करती हैं। इनमें 16 साल की नंदिनी सरस्वती कालेज में कक्षा 11 की छात्रा है।
साथी छात्राओं ने बताया कि कॉलेज के कक्ष में नंदिनी अपनी सहेलियों के साथ बात कर रही थी तभी उसकी नाक से खून गिरने लगा। यह देख वहां पर हड़कंप मच गया। मौके पर जुटा स्कूल स्टाफ अचेत होकर फर्श पर गिरी छात्रा को वाहन से जिला अस्पताल ले गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

स्कूल से सूचना मिलते ही परिजन भी जिला मुख्यालय पहुंच गए। सभी इस घटने के बाद हदहवास थे। परिजनों ने पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया। रोते बिलखते शव को लेकर अपने गांव चले गए। बताया जा रहा कि अन्य बहनों की तरह स्वस्थ नंदिनी घटना के पांच मिनट पहले सबसे हंसकर बात कर रही थी। बताया जा रहा कि पढ़ने में होनहार छात्रा नंदिनी को हाईस्कूल के परिणाम में कॉलेज में तीसरी रैंक मिली थी। उसका व्यवहार भी हंसमुख था।
घटनाओं से सदमे में परिजन, लोग अवाक
एक जुलाई को हुई घटना अभी जेहन से उतरी नहीं थी कि एक और हादसे ने अभिभावकों को गहरी सोंच में डाल दिया है। बता दें कि एक जुलाई को शहर के सेंट एंथोनी कॉलेज पहुंचा 12 वर्षीय छात्र अखिल गाड़ी से उतरते ही गेट पर अचेत हो गया। मौजूद पिता उसे लेकर तत्काल लखनऊ गए, लेकिन अखिल को बचाया नहीं जा सका।
ग्रीष्म अवकाश के बाद अखिल पहले दिन स्कूल गया था। देवा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम घेरी निवासी जितेन्द्र सिंह व उनका परिवार आज तक हैरत में हैं कि आखिर उनके पुत्र को हुआ क्या था जबकि वह हर लिहाज से स्वस्थ दिख रहा था। यही दशा छात्रा नंदिनी की भी रही, वह दो बहनों के साथ रहकर हंसी खुशी पढ़ाई कर रही थी।
निगरानी रखें, बच्चों से घुले मिलें अभिभावक
जिला अस्पताल में तैनात सर्जन डा. राजेश कुशवाहा ने बताया कि मोबाइल पढ़ाई में काफी उपयोगी है, लेकिन बच्चों का इसके साथ ज्यादा समय बिताना भी सेहत के लिए ठीक नहीं। नंदिनी को साइलेंट हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना है। अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कराते रहें, मोबाइल से थोड़ी दूरी बनवाएं और उनसे घुल मिलकर दिक्कतों को जानने का प्रयास करें। इससे बच्चे अपने मन की बात कह सकते हैं।
