UP Panchayat elections: वार्डों के पुनर्गठन के लिए आज से ली जाएगी आपत्तियां, 10 अगस्त को जारी होगी अंतिम सूची

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियों के तहत वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए 29 जुलाई यानी मंगलवार से आपत्तियां दर्ज कराने का कार्य शुरू होगा। जिला स्तर पर 2 अगस्त तक आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। इसके बाद जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समिति इन आपत्तियों का निपटारा करेगी। ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद अब 37 जिलों में वार्डों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। 6 से 10 अगस्त के बीच वार्डों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।

पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच नगर विकास विभाग द्वारा नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार के लिए पत्र लिखे जाने के बावजूद पंचायतीराज विभाग ने अपनी प्रक्रिया जारी रखी है। विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर इस संबंध में दिशा-निर्देश मांगे हैं, क्योंकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य भी समानांतर चल रहा है। हालांकि, पत्र के जवाब का इंतजार करते हुए भी वार्ड गठन की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है। आपको बता दें कि इस बीच 514 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं, जिसके बाद अब सिर्फ 57,695 ग्राम पंचायतें रह गई हैं।

नगरीय सीमाओं का होगा विस्तार

पंचायत चुनाव से पहले प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों की सीमाओं के विस्तार की योजना है। इसके चलते ग्राम पंचायतों के परिसीमन और मतदाता सूची के संशोधन की प्रक्रिया पर रोक लगने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में 1-2 अगस्त तक आदेश जारी हो सकता है।  

पंचायतीराज विभाग ने 21 मई को जारी शासनादेश के जरिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी। साथ ही, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों के परिसीमन का विस्तृत कार्यक्रम भी जारी किया था, जो 18 जुलाई से शुरू है। इसके अलावा, राज्य निर्वाचन आयोग ने 11 जुलाई को मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम भी घोषित किया था।  

वहीं, 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार के प्रस्ताव अभी लंबित हैं। इस कारण नगर विकास विभाग ने पिछले सप्ताह पंचायतीराज विभाग से 21 मई के शासनादेश को रद्द करने का अनुरोध किया था। हालांकि, इस पर सरकार का अंतिम निर्णय अभी तक नहीं आया है। इसके बावजूद परिसीमन और मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया जारी है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पहले नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा, जिसके बाद ही चुनाव से जुड़ी अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।

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