नागपंचमी पर अखाड़े में लड़कियों की धाक : पहलवान कशिश यादव बोलीं, लड़कियां किसी से कम नहीं...

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Published By Vinay Shukla
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काशी के गोस्वामी तुलसीदास अखाड़े में बेटियों ने बढ़ाया मान, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की तैयारी

वाराणसी, अमृत विचार : सावन की नागपंचमी पर वाराणसी के तुलसी घाट स्थित गोस्वामी तुलसीदास अखाड़े में इस बार नज़ारा कुछ खास रहा। पारंपरिक रूप से पुरुषों के अखाड़ों में होने वाली कुश्ती में अब बेटियों की भी दमदार मौजूदगी दिखने लगी है। मंगलवार को नागपंचमी के मौके पर आयोजित दंगल में लड़कियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने दांव-पेंच से सभी को प्रभावित किया।

आठ साल पहले हुई थी शुरुआत : राष्ट्रीय महिला पहलवान कशिश यादव ने बताया कि संकट मोचन मंदिर के महंत और अखाड़े के प्रमुख विश्वंभर नाथ मिश्र के प्रयास से करीब आठ साल पहले लड़कियों को अखाड़े में अभ्यास की अनुमति दी गई थी। तब से यह बदलाव लगातार आगे बढ़ रहा है।

राष्ट्रीय पदक विजेता तैयार हो रही हैं काशी से : कशिश खुद छह बार राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में भाग ले चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस अखाड़े से कई लड़कियां राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं, और कुछ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी कर रही हैं।

लड़कों के साथ भी करती हैं अभ्यास : यहां की लड़कियां न केवल आपस में, बल्कि लड़कों के साथ भी अभ्यास करती हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और मुकाबले की बेहतर तैयारी होती है। कशिश का कहना है, "लड़कियां अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, जरूरत है तो बस अवसर और सहयोग की।"

स्वामीनाथ अखाड़ा बन रहा प्रेरणा केंद्र : तुलसी घाट स्थित यह अखाड़ा अब स्वामीनाथ अखाड़ा के नाम से भी जाना जाता है और महिलाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बन चुका है। नागपंचमी के मौके पर यहां जुटे दर्शकों ने लड़कियों की हौसला अफजाई की और पूरे दंगल में उत्साह का माहौल बना रहा।

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