ISRO-NASA का संयुक्त मिशन ‘निसार’ प्रक्षेपण के लिए तैयार, बनेगा धरती का पहरेदार
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नासा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ‘निसार’ का प्रक्षेपण आज, बुधवार को किया जाएगा। ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ (निसार) उपग्रह को पृथ्वी के व्यापक अध्ययन के लिए सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह उपग्रह दोनों देशों की तकनीकी विशेषज्ञता और एक दशक से अधिक समय तक चले सहयोग का परिणाम है।
श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से ‘निसार’ उपग्रह को जीएसएलवी-एस16 रॉकेट के जरिए आज शाम 5:40 बजे अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। इस उपग्रह का वजन 2,393 किलोग्राम है, और जीएसएलवी-एस16 रॉकेट की ऊंचाई 51.7 मीटर है। प्रक्षेपण चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित द्वितीय लॉन्च पैड से होगा। इसरो के अनुसार, प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती 29 जुलाई को दोपहर 2:10 बजे शुरू हो चुकी थी। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “जीएसएलवी-एस16/निसार का प्रक्षेपण आज होगा। रॉकेट प्रक्षेपण स्थल पर तैयार है, और आज मिशन को अंजाम दिया जाएगा।”
https://twitter.com/isro/status/1950380027050414304
यह इसरो और नासा के बीच पहली ऐसी साझेदारी है। साथ ही, यह पहला अवसर है जब जीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से किसी उपग्रह को सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में भेजा जा रहा है, जबकि आमतौर पर ऐसी कक्षाओं के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) का उपयोग होता है। यह उपग्रह किसी भी मौसम और दिन-रात 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें खींचने में सक्षम है। यह भूस्खलन की पहचान, आपदा प्रबंधन में सहायता, और जलवायु परिवर्तन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त, यह हिमालय और अंटार्कटिका जैसे क्षेत्रों में वनों, पर्वतों की स्थिति, हिमनदों की गतिविधियों और मौसमी बदलावों का अध्ययन करने में भी सक्षम होगा।
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