तीन साल में 29.87 लाख के सापेक्ष 18.81 लाख की बनीं आभा आईडी

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाने में जिले की प्रगति अच्छी नहीं है। तीन साल में अभी तक केवल 18.81 लाख लोगों की आभा आईडी बन सकी है। सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहरी क्षेत्र के भी कई लोगों को आभा आईडी के बारे में जानकारी ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कभी जिले में लोगों को इसके प्रति जागरूक ही नहीं किया गया। यही कारण है कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को भी कार्ड बनवाने में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं, जिला अस्पताल में आने वाले मरीज जानकारी के अभाव में खुद आईडी बनवाने से कतरा रहे हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत जिले में 2022 में आभा आईडी बनाने की योजना शुरू हुई थी। जिले का लक्ष्य 29.87 लाख है। इसके सापेक्ष अब तक 18.81 लाख लोगों की आभा आईडी बन पाई है। प्रमुख अधीक्षक एवं अपर निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल में 1.50 लोगों की आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं। अस्पताल की ओपीडी में इलाज के लिए पर्चा बनवाने, टीकाकरण कराने के लिए आने वाले सभी लोगों की आभा आईडी बनाई जा रही हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है जल्द ही लक्ष्य के सापेक्ष कार्ड बना दिए जाएंगे, लेकिन लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। इसका कारण जमीनी स्तर पर प्रचार- प्रसार और जानकारी का अभाव है। लोगों का डिजिटल स्वास्थ्य खाता तैयार किया जा रहा है। इसमें मरीज की बीमारी, दवा और इलाज का डाटा रहेगा। इस आईडी के माध्यम से मरीज को अस्पताल में लाइन लगाकर पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्पताल में लगे बार कोड को स्कैन करके आप अपना स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। इसके बाद चिकित्सकों को भी दिखा सकते हैं। इससे मरीज के पूर्व में चले इलाज की भी जानकारी खुद ही मिल जाएगी। उसी आधार पर वह इलाज शुरू कर देंगे।

क्या है आभा आईडी
आभा कार्ड एक डिजिटल हेल्थ कार्ड होता है। इसमें लोगों का मेडिकल रिकॉर्ड रहता है। कब बीमार हुए, क्या इलाज चला, किस डॉक्टर को दिखाया, बीमारी से संबंधित कौन-कौन सी जांच हुई, कौन-कौन सी दवाइयां लिखी गईं आदि रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है। आभा आईडी बनने से अस्पताल में बनने वाले पर्चे संभालकर रखने की जरूरत नहीं है। आभा कार्ड की मदद से पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। दोबारा कभी अगर आप बीमार होते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉ. आपकी आभा आईडी से पुराने चले उपचार का पता कर इलाज शुरू करेंगे।

बोले जिम्मेदार
सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि आईडी बनाने का कार्य जिला अस्पताल के साथ ही सभी 59 सीएचसी और पीएचसी पर तेजी से चल रहा है। आशा कार्यकर्ता, सीएचओ और एएनएम को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। हर सप्ताह इस समीक्षा की जा रही है।- 

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