चकबंदी यूनियन अध्यक्ष की मौत की उलझी गुत्थी, परिजन बोले आत्महत्या नहीं हुई है हत्या... सुसाइड नोट पर खड़े किए सवाल

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Published By Muskan Dixit
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गोसाईंगंज/ लखनऊ, अमृत विचार: सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष व बाबू राजकुमार सिंह (52) की गोली लगने से मौत की गुत्थी हत्या और आत्महत्या के बीच उलझ गई है। घरवाले जहां हत्या किए जाने की बात कह रहे हैं। परिजन से सुसाइड नोट पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही जल्द ही मामले में हत्या की तहरीर देने की बात कही है। वहीं, पुलिस सुसाइड नोट को आधार बताकर राजकुमार सिंह की मौत को आत्महत्या मान कर जांच कर रही है।

जांच में पता चला कि राजकुमार सिंह को जिस असलहे से गोली लगी थी, वह चार दिन पहले किसी से लेकर आए थे। पुलिस असलहा से संबंधित व्यक्ति की तलाश में कॉल डिटेल खंगाल रही है। राजकुमार बड़े ज्योतिष भी थे इसलिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं में खासी पैंठ थी। राजकुमार पूर्वांचल के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के बेहद करीबी थी। गुरुवार को बैकुंठ धाम में हुए अंतिम संस्कार में भी धनंजय सिंह शामिल हुए। आशियाना में रहने वाले राजकुमार सिंह के परिवार में बेटा शशांक सिंह, भाई पंकज, बेटी अंजली और पत्नी किरन हैं।

पुलिस की जांच राजकुमार के करीबी रायबरेली के व्यवसायी पर टिकी है। परिचित ने बताया कि व्यवसायी ने उनके नाम से कई लोगों से मोटी रकम ले रखी थी। कुछ समय से उससे मनमुटाव चल रहा था। 25 जुलाई को वह राजकुमार से मिला था। राजकुमार की मौत के बाद भी उसने परिजन से न ही संपर्क किया न ही अंतिम संस्कार में शामिल होने आया। पूछताछ में चालक केशवराम ने पुलिस को बताया कि उसे गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई दी, जबकि चालक चंद कदम दूर प्लाट की बाउंड्रीवाल के पास खड़ा था।

मौसेरे भाई पंकज सिंह ने बताया कि राजकुमार सिंह आत्महत्या नहीं कर सकते थे। आत्महत्या के पीछे कोई वजह भी नहीं थी। उनकी साजिश के तहत हत्या कर आत्महत्या का रूप दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था। बाद में अचानक से सुसाइड नोट सामने आ गया। पुलिस ने परिजन को सुसाइड नोट भी नहीं दिखाया। घरवालों ने सुसाइड नोट की लिखावट की जांच की मांग की है। पंकज ने बताया कि जिस कमरे में राजकुमार सिंह का शव मिला था, उस कमरे के पीछे का दरवाजा खुला हुआ था।

मार्च में खरीदा था प्लॉट, चल रहा था विवाद

परिचित ने बताया कि दयालबाग के पास जिस 7000 स्क्वायर फीट के प्लॉट में राजकुमार का शव मिला, वह मार्च में खरीदा था। उसमें एक कमरा भी बनवाया था। गुरुवार दोपहर भी वहां चालक केशव राम यादव के साथ पहुंचे थे। राजकुमार के भाई ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अर्जुनगंज में एक प्लाट खरीदा था। उसे लेकर कुछ विवाद चल रहा है।

खुली मिली थी जींस की जिप

बुधवार को घटना की सूचना पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो राजकुमार की जींस की जिप खुली थी। शव खून से लथपथ हालत में कमरे में पड़ा था। फर्श पर खून फैला था। इसके अलावा दाहिने हाथ के नीचे रिवाल्वर पड़ी थी। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया। गोली दायीं कनपटी से अंदर जाकर पार हो गई।

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