अमेरिका में AI क्रांति के पीछे अप्रवासियों का दिमाग, Meta की सुपर इंटेलिजेंस लैब में कानपुर के तृपित बंसल... 854 करोड़ देकर किया शामिल

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Published By Muskan Dixit
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कानपुर, अमृत विचारः इस बात को चाहे कोई पसंद करे या न करे, अमेरिका का निर्माण अप्रवासियों ने ही किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन से लेकर एलन मस्क तक, अप्रवासियों ने अमेरिका को एक महान देश बनाया है और एक बार फिर से अप्रवासी ताकत अमेरिका को महान बनाने के काम में लगी है, इस बार लक्ष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए दुनिया पर राज करने का है। इसी इरादे से इस समय सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनियों के बीच एआई को लेकर वर्चस्व की होड़ मची है। ऐसे में मेटा भी वैश्विक एआई की दौड़ में खुद को आगे रखने में जुटा है। लेकिन, उसकी सुपरइंटेलिजेंस टीम की संरचना इस बात का साफ संकेत दे रही है कि अप्रवासी प्रतिभा के बिना अमेरिका में कोई एआई क्रांति नहीं हो सकती। 

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मार्क जुकरबर्ग के महत्वकांक्षी एजीआई (कृत्रिम सामान्य बुद्धिमता) अभियान के लिए फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने अपनी नई सुपर इंटेलिजेंस लैब में 11 शीर्ष कृत्रिम बुद्धिमता शोधकर्ताओं को काम पर रखा है। मजे की बात है कि इस टीम में कोई भी अमेरिकी शामिल नहीं है। सभी सदस्य अप्रवासी हैं और भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन तथा आस्ट्रेलिया जैसे देशों से जुड़े हैं। यहीं नहीं इन सभी 11 विशेषज्ञों में से किसी के भी पास अमेरिका से स्नातक की डिग्री नहीं है। ये सभी शोधकर्ता ओपन एआई, गूगल, डीप माइंड तथा एंथ्रोपिक में काम कर चुके हैं। इन विशेषज्ञों ने चैट जीपीटी, जेमिनी और चिनचिला जैसे उन्नत एआई मॉडलों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे साफ है कि अमेरिकी कंपनियों के नेतृत्व में एआई प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में अप्रवासी प्रतिभा की आधार भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इन्हीं 11 विशेषज्ञों की टीम में मेटा ने विगत दिनों आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र तृपित बंसल को शामिल किया है। वह पहले ओपन एई में अपना कौशल दिखा चुके हैं। आईआईटी कानपुर से गणित और सांख्यिकी में स्नातक शिक्षा प्राप्त करने के बाद तृपित ने मैसाचुसेट्स एमर्हस्ट विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी पूरी की थी, इसमें उन्होंने मेटा-लर्निंग और नेचुरल लैंग्वैज प्रोसेसिंग (एनएलपी) में खास विशेषज्ञता हासिल की थी। यही वजह है कि उन्हें डीप लर्निंग, रीजनिंग और नेचुरल लैंग्वैज प्रोसेसिंग का गहरा जानकार माना जाता है। ओपन एआई को छोड़कर मेटा एआई की नई सुपरइंटेलिजेंस यूनिट ज्वाइन करने वाले तृपित बंसल ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि वह मेटा में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं। अब सुपरइंटेलिजेंस की संभावना नजर आ रही है। बंसल को मेटा ने 100 मिलियन डॉलर (854 करोड़ रुपये) का ज्वाइनिंग बोनस दिया है।

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