बदायूं: बारिश के दौरान गिरा मकान...किसान की मलबे में दबकर मौत, पत्नी व बेटा घायल

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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दातागंज, अमृत विचार। तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के दौरान दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव में एक किसान का कच्चा मकान अचानक भरभराकर गिर गया। ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर किसान और उसके परिवार के लोगों को मलबा से बाहर निकाला। हादसे में किसान की दर्दनाक मौत हो गई जबकि किसान की पत्नी व बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के दौरान किसान घर में खाना खा रहा था। पत्नी पास में बैठी थी और बेटा खेल रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसडीएम व कोतवाल ने मौका मुआयना किया।

हादसा कोतवाली दातागंज क्षेत्र के गांव कांसू नगला में हुआ। गांव निवासी छोटे लाल मंगलवार दोपहर बारिश के दौरान खेत पर फसल देखकर वापस गांव लौटे थे। घर के भीतर बैठकर खाना खा रहे थे। उनकी पत्नी शकुंतला पास में बैठी थी और आठ साल का बेटा अजीत खेल रहा था। इसी दौरान उनका मकान अचानक गिर गया। छोटे लाल, उनकी पत्नी और बच्चा मलबा में दब गए। तेज आवाज सुनकर ग्रामीण दौड़कर पहुंचे। खासी मशक्कत के बाद तीनों को मलबा से बाहर निकाला लेकिन तब तक छोटे लाल की मौत हो चुकी थी।

घायलों को जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। ग्रामीणों की सूचना पर एसडीएम धर्मेंद्र कुमार और दातागंज कोतवाल गौरव विश्नोई गांव पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एसडीएम ने शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। सरकार से आर्थिक मदद और आवास दिलाने का आश्वासन दिया। 

धान की फसल बेचकर करनी थी बेटी की शादी
छोटे लाल अपनी चार बीघा जमीन से परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। इसके अलावा बाहर जाकर मजदूरी भी करते थे। धान की बुवाई के लिए वह गांव आए थे। उनकी दो अविवाहित बेटियां और दो छोटे बेटे हैं। एक बड़ी बेटी और एक बेटे की शादी हो चुकी है। हादसे के बाद मृतक की पत्नी फफकती रही। कहा कि उनके पति बेटी की शादी के लिए घर देख रहे थे। कहते थे कि धान की फसल बिकन के बाद बेटी की शादी करेंगे। 

मिल जाता आवास तो रहते जीवित
ग्रामीणों ने कहा कि यह घटना सरकार के दावों की पोल खोल रही है। लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास दिए गए लेकिन बहुत से पात्र हैं जो आवास से अछूते हैं। पात्र होने के बाद भी आवास नहीं मिल पाते। कहा कि अगर छोटे लाल को आवास मिल जाता तो वह जीवित होते।

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