लखीमपुर खीरी: जिंदा महिला को मृत दिखाकर कराई करोड़ों की वरासत 

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Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। सोचिए, आप जिंदा हों और सरकारी कागजों में आपको मरा हुआ बता दिया जाए। इतना ही नहीं, आपकी खरीदी हुई करोड़ों की जमीन भी कोई और हड़प ले...ईसानगर थाना क्षेत्र में सामने आया यह मामला किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है, जहां जिंदा महिला को मरा घोषित कर न केवल वरासत कराई गई, बल्कि जमीन गिरवी रखकर बैंक से लोन तक ले लिया गया।

राजस्व के अफसरों से लेकर पुलिस के पास तक अपने को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही महिला की पुकार सिस्टम ने नहीं सुनी। तब उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर ईसानगर पुलिस ने लेखपाल समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।

ईसानगर के गांव हसनपुर कटौली निवासी विशुना देवी उर्फ विंदेश्वरी (60) ने बताया कि उन्होंने ग्राम मुरौवा की गाटा संख्या 476 (5.70 हे.) और 512 (3.30 हे.) की कृषि भूमि पूर्व मालिकों से विधिवत रजिस्ट्री कराकर खरीदी थी, लेकिन गांव के ही कीढ़ी और रामभरोसे ने एक अज्ञात व्यक्ति के साथ मिलकर उन्हें मृत घोषित कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 12 मार्च 2021 में जमीन की वरासत अपने नाम करा ली इतना ही नहीं, आरोपियों ने लेखपाल और अन्य राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से खतौनी में नाम चढ़वा कर उसकी भूमि को बैंक कर्मचारियों से मिलकर आर्यावर्त बैंक में गिरवीं रखकर ऋण भई ले लिया। उसे धोखाधड़ी का पता तब चला जब वह किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकरण कराने गईं। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर उसके तो होश उड़ गए। पीड़ित विशुना देवी तहसील से लेकर डीएम और थाना ईसानगर से लेकर एसपी कार्यालय तक चक्कर काटती रहीं। खुद को जिंदा साबित करने और जमीन वापस दिलाने की मांग करती रहीं। 

दर्जनों शिकायती पत्र देने और खुद अफसरों के सामने पेश होकर खुद को जिंदा बताने वाली विशुना देवी की किसी ने एक नहीं सुनी। सिस्टम से थक हारकर उसने सीजेएम कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट ने मामले की गंभीर को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर थाना ईसानगर में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। थाना ईसानगर प्रभारी निरीक्षक निर्मल तिवारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर एसआई संजय कुमार राय को विवेचना सौंपी गई है। सभी दस्तावेजों की जांच कर शामिल लोगों की भूमिका तय की जाएगी।

सवालों के घेरे में राजस्व और बैंक की भूमिका
लखीमपुर खीरी। जिंदा महिला को मृत दर्शाकर उसकी करोड़ों की जमीन की वरासत कराने और आर्यावर्त बैंक शाखा से ऋण निकाले जाने के मामले में तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल से लेकर बैंक कर्मियों तक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। आशंका है कि बिना किसी जीवित व्यक्ति की पुष्टि के वरासत स्वीकृत की गई और फर्जी कागजात पर ऋण भी पास कर दिया गया।
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