Parliament Monsoon Session: विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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नई दिल्ली । बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को शुरू होने के 12 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही शोरगुल के कारण दो बजे तक स्थगित हो गई है।

लोकसभा में विपक्ष के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर आज भी हंगामा किया, जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका और अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू कर प्रश्नकाल आरंभ किया तो विपक्ष के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गये। सदस्य शोर शराबा करते हुए हंगामा करने लगे। उन्होंने हंगामे के बीच शहरी आवास मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों पर सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया लेकिन शोर शराबे के कारण कुछ सुनाई नहीं दिया। शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल ने विस्तार से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन हंगामे के कारण सदन में कुछ भी सुनाई नहीं दिया।

अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि जब सरकार उनकी बात सुनने को तैयार है और वह भी संसद के नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दे रहे हैं तो सदस्यों को हंगामा नहीं करना चाहिए। प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है, सदस्यों को जनता ने उम्मीदों से चुनकर भेजा होता है। उन्होंने कहा "मैं रोज आपसे सदन चलाने का आग्रह करता हूं, लेकिन आप हर दिन नियोजित तरीके से सदन को बाधित करते हैं। नियम और प्रक्रियाओं के तहत सदन की कार्यवाही चलना हम सब की जिम्मेदारी है। देश की जनता देख रही है कि सदन में विपक्षी सदस्य हंगामा कर मर्यादाओं का पालन नहीं कर रहे हैं। मैं सभी सदस्यों से अपनी सीट पर जाकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने का आग्रह करता हूं।" श्री बिरला के आग्रह का सदस्यों पर जब कोई असर नहीं हुआ और हंगामा बढ़ता ही गया तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी

राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दो सप्ताह से भी अधिक समय से चला आ रहा गतिरोध बरकरार है और इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्ष ने गुरुवार को भी सदन में शोरगुल किया जिससे सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही निरंतर बाधित होने के कारण मानसून सत्र में अब तक एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पायी है। विपक्ष बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षरण प्रक्रिया का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग पर अड़ा है। विपक्षी सदस्यों ने पिछले 14 दिनों में लगभग हर रोज इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिये गये हैं। इनमें से एक भी नोटिस को अब तक स्वीकार नहीं किया गया है। सरकार का कहना है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक और स्वायत्त संस्था है और इसके कामकाज पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। उसका यह भी कहना है कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण भी इस पर सदन में बहस नहीं हो सकती। दोनों पक्षों के अपने अपने रूख पर अड़े रहने के कारण कार्यवाही बाधित हो रही है और सदन में अब तक जो भी विधायी कामकाज हुआ है वह हंगामे के बीच ही हुआ है। 

उपसभापति हरिवंश ने आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के 25 नोटिस मिले हैं। ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने इन नोटिसों में किस विषय पर चर्चा कराने की मांग की गयी है, इसकी जानकारी नहीं दी। सदस्यों द्वारा इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने 2021 में तत्कालीन सभापति की एक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि आसन को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया किया कि वे शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने में सहयोग करे। उन्होंने कहा कि शून्यकाल सदस्यों का समय है और अब तक सदन में 51 घंटे 30 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है। उन्होंने सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया लेकिन इसका असर न होते देख सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। 

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