Good News: नहीं बढ़ेंगे सिलेंडर के दाम, पूर्वोत्तर के विकास के लिए स्पेशल पैकेज... बैठक में Modi Cabinet ने लिए कई बड़े फैसले

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को  52,667 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी है, जिसके तहत शिक्षा, एलपीजी (LPG), बुनियादी ढांचा और पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास पर जोर दिया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तकनीकी शिक्षा संस्थानों को मजबूत करने के लिए 4,200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 12,060 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी।

रसोई गैस की सब्सिडी के लिए 42,000 करोड़ रुपये मंजूर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो अलग-अलग फैसलों में रसोई गैस (एलपीजी) सब्सिडी के लिए कुल 42,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दोनों प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गयी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में साल में नौ रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जायेगी। इसके लिए 12,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गयी है।

इससे पहले, अक्टूबर 2023 से साल में 12 रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जा रही थी। सब्सिडी का लाभ योजना की 10.33 करोड़ लाभार्थियों को होगा। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत रिफिल बढ़ाने और गरीब उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मई 2022 में सालाना 12 रिफिल पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर लक्षित सब्सिडी की शुरुआत की थी जिसे अक्टूबर 2023 में बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर के मूल्य नियंत्रण के कारण तेल विपणन कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान को भी मंजूरी दी है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आम उपभोक्ताओं पर अनुचित बोझ न पड़े इसके लिए घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति नियंत्रित मूल्य पर की जाती है।

वित्त वर्ष 2024-25 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की ऊँची कीमतों के कारण तीनों सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों को इस मद में काफी नुकसान हुआ है और अब भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। तीनों तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयर कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को 12 किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जायेगा। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय यह तय करेगा कि कंपनियों के बीच राशि का बँटवारा किस प्रकार होगा।  

 

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