जैसा पहनोगे, वैसा बनोगे और जियोगे... फैशन ने बदली लोगों की जीवन शैली, अब पहनावा बन रहा है सोच और पहचान का आईना
कानपुरः यह एक सच्चाई है कि फैशन कभी भी सिर्फ कपड़ों के बारे में नहीं रहा है। इसका सफर एक जीवंत, सांस लेने वाली भाषा जैसा है। एक सांस्कृतिक दर्पण की तरह फैशन यह दिखाता है कि हम खुद को कैसे देखते हैं, और हम कैसा दिखना चाहते हैं। बात कुछ ऐसी भी है कि फैशन के जरिए हम दुनिया में किन बातों या मूल्यों को पेश करना चाहते हैं। प्राचीन राजघरानों के चमक-दमक और पंखों वाले लिबासों से लेकर आज के फ्यूजन और डिजिटल तक, फैशन की रंग-बिरंगी यात्रा प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, पहचान और अपनेपन की तमाम कहानियों से भरी पड़ी है।
हर फैशन कुछ कहता है, हर लुक नया दिखता है
फैशन अब सिर्फ खूबसूरत दिखने या स्टाइल का मामला नहीं रहा है। यह आपकी सोच, सेहत, पर्यावरण और रिश्तों तक को प्रभावित कर रहा है। पुरानी कहावत ‘जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन’ की तरह आप ‘जो पहनते हैं, वही बन जाते हैं’ यह बात आने वाले समय में हकीकत बन जाएगी। आज के दौर में फैशन सिर्फ विकसित नहीं हो रहा है, इसे नए सिरे से परिभाषित किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (एआई) के साथ निजी अनुभवों को आकार देने, स्थिरता को अपरिहार्य बनाने और समावेशिता को प्रतीकात्मकता से आगे बढ़ाने के साथ, हम जो पहनते हैं वह सब कुछ अब केवल स्टाइल के बारे में नहीं है, बल्कि हर फैशन कुछ कहता है, हर लुक नया दिखता है।
‘वियर योर वैल्यूज’ बनालाइफ स्टाइल की क्रांति
एआई के माध्यम से डिजाइन किए गए आउटफिट्स के जरिए अब किसी भी व्यक्ति की सोच, मूड और मूल्यों को व्यक्त करने का काम शुरू हो चुका है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो पर्यावरण के लिए चिंतित है, वह बायोडिग्रेडेबल और रीसायकल कपड़े ही पहनना पसंद करेगा। यह न केवल स्टाइलिश होंगे, बल्कि एक संदेश भी देंगे। वैसे भी फैशन अब केवल कपड़े नहीं, जीवन की सोच, सेहत और समाज का प्रतिबिंब बन चुका है। जिस तरह के आप कपड़े चुनते हैं, वही तय करता है कि आप किस तरह जीते हैं। “वियर योर वैल्यूज ” आज के दौर में केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि लाइफ स्टाइल की क्रांति है।
हम कौन हैं और दुनिया में खुद को क्या दिखाना चाहते
दरअसल, फैशन और जीवन शैली लंबे समय से आपस में जुड़े हुए हैं। जिस तरह के लोग कपड़े पहनते हैं और जीवन शैली के जो विकल्प चुनते हैं, वह उनके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है, जो उनके मूल्यों, आकांक्षाओं और भावनाओं को दर्शाता है। यह केवल बाहरी दिखावे से कहीं अधिक है, यह एक गहरा संबंध है जो यह बताता है कि हम कौन हैं और दुनिया में खुद को कैसा प्रस्तुत करना चाहते हैं। जैसे एक सदी पहले बाजार, रेस्तरां, गैलरी और किसी के घर जाने के लिए अलग-अलग प्रकार के कपड़े होते थे, जो कठोर सामाजिक बाधाओं को दर्शाते थे। लेकिन आज फैशन ने रचनात्मकता और व्यक्तित्व के एक शक्तिशाली माध्यम में खुद को बदल दिया है। यह पारंपरिक विरासत और अत्याधुनिक तकनीक के प्रभावों का सम्मिश्रण बन गया है। अब यह केवल फिट होने के बारे में नहीं है, बल्कि बाहर खड़े होने और बिना एक शब्द बोले अपने आंतरिक चेहरे को व्यक्त करने के बारे में है।
जैकेट बताएगी, आप थक गए हैं, थोड़ा आराम कर लें
दुनिया भर में जीवन शैली को हेल्थ आधारित बनाने की होड़ लगी है। ऐसे में जल्दी ही अब फैशन भी यह संदेश देता नजर आएगा कि अमुक परिधान पहनिए और हेल्दी रहिए। ऐसी जैकेट्स आने वाली हैं, जो बताएंगी ‘अब बहुत हुआ काम थोड़ा आराम कर लो।’ ऐसे पहनावे पर जोर रहेगा जो आपकी फिटनेस और माइंड फुलनेस दोनों सुधारेंगे।
डिजिटल फैशन के साथ.. डिजिटल लाइफस्टाइल भी
मेटावर्स वर्चुअल रियल्टी में पहनने के लिए लोग डिजिटल कपड़े खरीदते हैं, जो उनका वर्चुअल अवतार दर्शाते हैं। इससे दुनिया में एक नई तरह की डिजिटल जीवन शैली उभर रही है, जिसमें फैशन लोगों की ऑनलाइन पहचान बनता जा रहा है।
ऑफिस से जिम तक एक ही लुक से बन जाएगी बात
फ्यूचर फैशन को ‘मल्टी-पर्पस’ बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसमें एक तरह की ही पैंट ऑफिस में फॉर्मल लगेंगी और शाम को जिम या योगा क्लास के लिए स्ट्रेचेबल हो जाएंगी। एआई की मदद से कम कपड़े कम खर्चा और ज्यादा सुविधा यानी स्मार्ट मिनिमलिज्म को विकसित किया जा रहा है।
लेखिका- डॉ. क्षमा त्रिपाठी, प्रोफेसर, डीजीपीजी कॉलेज, कानपुर।
यह भी पढ़ेंः मेकअप हुआ पुराना, मेकओवर का है जमाना... न्यूड मेकअप के जरिए प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने की बढ़ी चाहत
