मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 27 जिलों में फाइलेरिया के खिलाफ अभियान का आगाज, हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर खिलाएंगे दवा
लखनऊ, अमृत विचार: योगी सरकार की ओर से वर्ष 2027 तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए 27 जिलों के 195 ब्लॉक में रविवार से व्यापक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू हो गया है। अभियान की शुरूआत जनप्रतिनिधियों ने स्वयं दवा खाकर की। इतना ही नहीं, किसी भी गंभीर प्रतिकूल दवा प्रभाव से निपटने के लिए 390 त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार किये गये हैं। अभियान की सफलता के लिए योगी सरकार ने कई विभागों को शामिल किया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। जन सहभागिता अभियान की सफलता के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शामिल करना रणनीति का हिस्सा है, जो दी जाने वाली दवा की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में जनता की किसी भी चिंता या आशंका को दूर करने में भूमिका निभाएंगी।
फाइलेरिया की रोकथाम में बच्चे और गुरू जी निभाएंगे अहम भूमिका
विभिन्न स्कूलों में शिक्षक प्रार्थना सभाओं के दौरान फाइलेरिया की रोकथाम के महत्व को समझाएंगे। इससे अभिभावकों की एमडीएम अभियान में भागीदारी और समर्थन मिलेगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राशन की दुकानों पर रणनीतिक रूप से जानकारी साझा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आबादी के एक बड़े हिस्से तक पहुंच हो।
15 साल बाद दिखाई देते हैं फाइलेरिया के लक्षण
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि अभियान की सफलता व्यापक जनभागीदारी और सहयोग पर निर्भर करती है। फाइलेरिया, संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलने वाला रोग है, जिसके लक्षण अक्सर सूजन और दूधिया पेशाब आने के काफी समय बाद, आमतौर पर 10-15 साल बाद दिखाई देते हैं। हालांकि फाइलेरिया वर्तमान में लाइलाज है, लेकिन पांच साल तक दी जाने वाली वार्षिक दवा इस रोग की शुरुआत को प्रभावी ढंग से रोक सकती है।
35 हजार से अधिक औषधि प्रशासक और 7 हजार से अधिक पर्यवेक्षक किए गए तैनात
एमडीए अभियान औरैया, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, चंदौली, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, श्रावस्ती, रायबरेली और सुल्तानपुर में चलेगा। इसके लिए 35483 औषधि प्रशासक (डीए) और 7096 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। 195 ब्लॉकों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सूचना एवं संचार तकनीक सामग्री भेज दी गई है और यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत सूक्ष्म योजनाएं बनाई गई हैं ।
