रामपुर: हुसैन गंज में खतरे के निशान को छू रही रामगंगा, लोगों में फैली दहशत
रामपुर, अमृत विचार। हुसैन गंज बांध पर रामगंगा खतरे के निशान को छू रही है। रामगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से आसपास के गांवों के लोगों में दहशत है। खतरे का स्तर 196.36 है जबकि नदी का बहाव 196. 30 मीटर है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने बताया कि नदियों का जलस्तर सामान्य होने पर खरीफ की फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।
हुसैन गंज बैराज से सोमवार को रामगंगा नदी में 90600 क्यूसेक जबकि, गंगापुर-भोपतपुर बैराज से 92760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हुसैन गंज बैराज पर रामगंगा खतरे के निशान को छूकर बह रही है। रामगंगा नदी ने आसपास के खेतों में बोई हुई खरीफ की फसलों को तबाह कर दिया है। नदी का विकराल रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत है। कोसी नदी में सोमवार की सुबह रामनगर बैराज से 22337 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। दढ़ियाल बांध पर कोसी नदी का खतरे का स्तर 209.69 मीटर है जिसके सापेक्ष नदी 207.20 मीटर पर बह रही है।
लालपुर वियर पर खतरे का निशान 195.23 मीटर है जिसके सापेक्ष नदी 192.48 मीटर पर बह रही है। केमरी बैराज पीलाखार नदी का जल स्तर भी घट गया है। पीलाखार का खतरे का स्तर 184.29 मीटर है जिसके सापेक्ष नदी 179.22 मीटर पर बह रही है। पहाड़ों पर हो रही बारिश से रामगंगा नदी में उफान है।
किसानों में दहशत है उन्हें डर है कि पानी गांवों में न घुस जाए। खरीफ की फसलें तबाह होने पर उनके सामने आजीविका की समस्या खड़ी हो गयी है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि नदियों की चपेट में आने से तबाह हुई खरीफ की फसलों का सर्वे कराया जाएगा। नहर खंड के अवर अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया कि पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में बारिश होने से प्रशासन अलर्ट हो गया है। स्टॉफ को अलर्ट कर दिया गया है और ग्राम प्रधानों से संपर्क किया जा रहा है।
नहर खंड एक्सईएन नवीन कुमार ने बताया कि जिले में फिलहाल स्थिति सामान्य है। लेकिन बाढ़ आने से पूर्व सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए सूखा राशन और उनके ठहरने के स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। इसके अलावा नाव आदि की व्यवस्था कर ली गई है।
