कानपुर में मुंह से सांस और 160 बार सीना पंप कर बचाई आरक्षी की जान

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Published By Vinay Shukla
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सीपीआर ट्रेनिंग का बड़ा असर, करंट लगने से गिरे आरक्षी को समय रहते मिली नई जिंदगी

कानपुर, अमृत विचार : कहते हैं संकट के समय सही कौशल जीवनदान बन सकता है, और कानपुर पुलिस लाइन में घटी घटना इसका सजीव उदाहरण है। मंगलवार को घास काटते समय करंट की चपेट में आए आरक्षी प्रिंस की जान, पुलिस अस्पताल के फार्मासिस्ट संजय भदौरिया ने मुंह से सांस देकर और 160 बार सीना पंप कर बचा ली।

करंट लगते ही गिर पड़ा आरक्षी : मेरठ निवासी प्रिंस (बैच 2022), वर्तमान में कानपुर पुलिस लाइन में तैनात हैं। मंगलवार दोपहर हेलिपैड के पास मशीन से घास काटते समय अचानक करंट की चपेट में आकर वे बेहोश होकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी तुरंत उन्हें पुलिस अस्पताल लेकर पहुंचे। पुलिस अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट संजय भदौरिया ने तुरंत हालात भांपते हुए आरक्षी को सीपीआर देना शुरू किया। मुंह से सांस दी गई और तीन मिनट में 160 बार सीना पंप किया गया। धीरे-धीरे आरक्षी की धड़कन लौट आई और होश आने पर उन्हें उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ट्रेनिंग का दिखा असर : संजय भदौरिया ने बताया कि बीते माह पुलिस अस्पताल में सीपीआर कार्यशाला आयोजित की गई थी। “उसी ट्रेनिंग की वजह से आज हम आरक्षी की जान बचाने में सफल रहे,” उन्होंने कहा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अनिल वर्मा के अनुसार, “सीपीआर एक शक्तिशाली तकनीक है, जो हृदय गति रुकने या सांस बंद होने पर तुरंत जीवनरक्षक साबित होती है। इसे सीखना सभी के लिए जरूरी है, क्योंकि यह आपात स्थिति में किसी की जिंदगी बचा सकता है।”

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