लखनऊ-गाजियाबाद में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में लगाया चूना, 71.50 करोड़ का नुकसान
अमृत विचार, लखनऊ। विधानमंडल में मंगलवार को रखे गए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में लखनऊ और गाजियाबाद शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज वसूलने में मनमानी सामने आई है। नियमों को ताक पर रखकर घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निगम ने यूजर चार्ज ही नहीं लिया। इससे दोनों नगर निगमों को 71.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इसी तरह लखनऊ व गाजियाबाद में यूजर चार्ज वसूलने वाली फर्मों को 4.06 करोड़ रुपये अधिक भुगतान किया गया। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अप्रैल 2017 में उपविधि बनाई गई। इसमें घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज तय किया गया।
लखनऊ में यह काम इको ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। घर से 40 और व्यवसायिक प्रतिष्ठान से 100 रुपये प्रति माह शुल्क लेने की व्यवस्था की गई। इसके आधार पर वर्ष 2017 से 2021 के दौरान कुल 49.15 करोड़ रुपये यूजर चार्ज के रूप में वसूला जाना चाहिए था, लेकिन 32.88 करोड़ रुपये ही वसूला गया और 16.27 करोड़ रुपये छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं इको ग्रीन को यूजर चार्ज पूरा वसूल किए बिना ही कमीशन का पूरा पैसा दे दिया गया।
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