प्रभु कृष्ण की भव्य तैयारी शुरू : इस्कॉन में थाईलैंड-सिंगापुर के फूल, तीन दिनी जन्माष्टमी महोत्सव
कानपुर, अमृत विचार : कानपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस बार नगर के प्रमुख मंदिरों में विशेष सज-सज्जा व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भव्य आयोजन होंगे। इस्कॉन मंदिर में 15 से 17 अगस्त तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जबकि जेके व अन्य मंदिरों में भी विशेष झांकियों व कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है।
मुख्य बातें
- इस्कॉन मंदिर में प्रभु का पुष्प-श्रृंगार थाईलैंड और सिंगापुर के फूलों से किया जाएगा; पुणे, बेंगलुरु व गोवा से भी पुष्प आयेंगे।
- 15 अगस्त को शुद्ध पीतल के कलशों से अभिषेक, 16 अगस्त को द्वि-दिवसीय महा अभिषेक और रात 12 बजे भव्य जन्मोत्सव।
- इस वर्ष 1008 भोग अर्पित किए जाएंगे; 108 विशेष कलशों से महा अभिषेक भी होगा।
- जेके मंदिर में 15 से 21 अगस्त तक सात दिवसीय महोत्सव- कृष्णलीला, भजन-साधना व सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ।
- सनातन धर्म मंदिर (कौशलपुरी) में इस बार “ऑपरेशन सिंदूर” नामक झांकी और 25 के लगभग झांकियाँ लगेंगी; झांकियों का प्रदर्शन 16 अगस्त की रात से प्रारम्भ होगा।

इस्कॉन का कार्यक्रम (15–17 अगस्त) : ज्योतिषीय गणना के अनुसार जन्माष्टमी उत्सव 16 अगस्त को मनाना श्रेयस्कर; निशीथ-काल (रात्रि 12:04 से 12:47) को जन्म का प्रमुख समय माना गया है। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि 15 अगस्त को प्रातः से प्रभु का विशेष अभिषेक प्रारम्भ होगा। प्रथम दिन शुद्ध पीतल के कलशों द्वारा सौ से अधिक भक्तों का अभिषेक होगा। 16 अगस्त को दिव्य स्नान-अभिषेक के क्रम में लगभग 500 भक्त शंख से अभिषेक करेंगे तथा 200 से अधिक भक्त शुद्ध चांदी के कलशों से श्री-श्री राधा-माधव का अभिषेक करायेंगे। रात 10 से 12 बजे 108 विशेष कलशों द्वारा महा अभिषेक और मध्यरात्रि में भव्य आरती व प्रसाद वितरण होगा। पूजा-पाठ, संकीर्तन तथा वैष्णव गीतों का विशेष कार्यक्रम रखा गया है।
जेके मंदिर व अन्य पंडाल : जेके मंदिर में 15 से 21 अगस्त तक सात दिवसीय महोत्सव का आयोजन होगा। यहां प्रतिदिन वेदवाणी पाठ, भजन-संध्या व कृष्णलीला का मंचन रहेगा। जन्माष्टमी के अवसर पर मेले व चारधाम यात्रा का विशेष स्टॉल भी भक्तों के आकर्षण के लिए लगाया जाएगा।
झांकी: आधुनिकता व देशभक्ति का संगम : कौशलपुरी स्थित सनातन धर्म मंदिर की झांकी-कमेटी ने इस बार “ऑपरेशन सिंदूर” नाम की झांकी तैयार की है, जिसमें देशभक्ति व सुरक्षा पर आधारित युद्ध-दृश्य दिखाए जाएंगे। कमेटी के मंत्री संजीव कुमार अग्रवाल ने बताया कि 16 अगस्त की रात 9:30 बजे से स्वचलित झांकियों का प्रदर्शन शुरू होगा, 11 बजे संकीर्तन तथा मध्यरात्रि में जन्मोत्सव।
कब मनायें जन्माष्टमी -ज्योतिष का दिशानिर्देश : ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार पंचांग के आधार पर अष्टमी तिथि 15 अगस्त रात 11:49 से प्रारम्भ होकर 16 अगस्त रात 9:34 तक व्याप्त रहेगी। अष्टमी-तिथि तथा रोहिणी नक्षत्र के समय-समायोजन के कारण सार्वजनिक भ्रम रहा, किन्तु शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 16 अगस्त की आधी रात (निशीथ) को जन्मोत्सव मनाना श्रेयस्कर है। पंचांगानुसार पूजा का सर्वोत्तम समय 16 अगस्त रात 12:04 से 12:47 के मध्य है।
भक्तों के लिए उपयोगी जानकारी : इस्कॉन व जेके मंदिर में प्रसाद व आरती के समय का कार्यक्रम मंदिरों द्वारा सोशल मीडिया व सूचना पटल पर जारी किया जा चुका है। भक्तों से आग्रह है कि कोविड-प्रोटोकॉल व मंदिर व्यवस्थाओं का पालन करें तथा भीड़ नियंत्रित रखने हेतु समय पर पहुंचें। मेले व झांकियों के दौरान सुरक्षा व पार्किंग की विस्तृत व्यवस्था की जाएगी। शहर में जन्माष्टमी के धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों के कारण अगले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की आमद रहेगी। आयोजक व प्रशासन सुरक्षा व सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए समन्वय कर रहे हैं।
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